वाराणसी: हिंदू सनातन धर्म में पर्व और त्योहार इसकी जान माने जाते हैं. हर दिन एक त्योहार और तिथि के साथ हर दिन ईश्वर की आराधना का मौका सिर्फ सनातन धर्म में ही मिलता है. हर दिन एक ईश्वर के नाम पर पड़ने वाली तिथि पर किया जा रहा व्रत और पूजा अनुष्ठान विशेष फल भी देता है. इस क्रम में मंगलवार को नागपंचमी का पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया.
सावन शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी के नाम से जानते हैं और इस बार नाग पंचमी पर सहयोग का अद्भुत संयोग भी है. जो अपने आप में इस दिन को और भी अलग और खास बना रहा है. इस बारे में पंडित ऋषि द्विवेदी का कहना है कि पंचमी तिथि 2 अगस्त की भोर में 2:34 पर लगी है जो 3 अगस्त की रात्रि 2:25 तक रहेगी. इस बार नाग पंचमी पर सहयोग का अद्भुत संयोग भी बन रहा है. ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषि द्विवेदी की मानें तो विशेष रूप से नाग पंचमी का पर्व नागों की पूजा और भगवान शिव की आराधना के लिए जाना जाता है. घर के दरवाजे के दोनों और गोबर से नाग की आकृति बनाकर या फोटो चस्पा करके पूजन करना चाहिए. इससे परिवार में सुख-शांति और शक्ति का संचार होता है.