वाराणसी: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को अपने वाराणसी दौरे पर हैं. जहां सर्किट हाउस में उन्हें समीक्षा बैठक के साथ पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात भी की. इन सब के बीच मुख्यमंत्री के आगमन से पहले ही सर्किट हाउस के आसपास मच्छरों के प्रकोप को कम करने की कवायद शुरू हो गई. इस कवायद को देखकर आम पब्लिक हतप्रभ है, क्योंकि जिस तरह से वीआईपी आगमन से पहले सर्किट हाउस बिल्डिंग और आसपास के क्षेत्र को मच्छरों से मुक्त करने की कवायद चल रही है. उससे सवाल यही उठने लगा है कि क्या मच्छर सिर्फ वीआईपी को काटते हैं? क्या मच्छरों का आतंक सिर्फ वीआईपी एरिया में होता है, क्योंकि अन्य इलाकों में मच्छरों के असर को कम करने के लिए नाही फागिंग हो रही है ना ही कोई और प्रयास.
जनता को नहीं सिर्फ सीएम साहब को काटता है मच्छर!
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को अपने वाराणसी दौरे पर हैं. जहां सर्किट हाउस में उन्हें समीक्षा बैठक के साथ पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात भी की. इन सब के बीच मुख्यमंत्री के आगमन से पहले ही सर्किट हाउस के आसपास मच्छरों के प्रकोप को कम करने की कवायद शुरू हो गई है. इस कवायद को देखकर आम पब्लिक हतप्रभ है, क्योंकि जिस तरह से वीआईपी आगमन से पहले सर्किट हाउस बिल्डिंग और आसपास के क्षेत्र को मच्छरों से मुक्त करने की कवायद चल रही है. उससे सवाल यही उठने लगा है कि क्या मच्छर सिर्फ वीआईपी को काटते हैं?
दरअसल सीएम योगी का सर्किट हाउस में आने से पहले सर्किट हाउस के बाहर जहां हाईटेक मशीनों से सड़कों को साफ किया जा गया, वहीं पूरे सर्किट हाउस परिसर से लेकर आसपास के एरिया को मच्छरों से मुक्त करने के लिए नगर निगम की टीम फॉगिंग करने में जुटी थी. फागिंग भी इस तरह की की पूछिए मत, जबरदस्त तरीके से फॉगिंग होती देखकर लोग बेहद हैरान है.
लोगों का साफ तौर पर कहना था कि हर इलाके में मच्छरों का आतंक है, क्योंकि बारिश के बाद मच्छर पनपने लगे हैं. लेकिन मच्छरों के आतंक को कम करने के लिए नगर निगम शहर के किसी इलाके में फागिंग कर ही नहीं रहा है. जिसकी वजह से लोग परेशान हैं, लेकिन इन सब से अधिकारियों को क्या, वीआईपी हैं तो उनकी सेवा करना बेहद जरूरी है और बात अगर मुख्यमंत्री की हो तो कोई अधिकारी अपने ऊपर खतरा नहीं आने देना चाहता. शायद यही वजह है कि शहर के अन्य इलाकों में मच्छरों का प्रकोप भले हो, लेकिन वीआईपी आगमन से पहले मुख्यमंत्री को मच्छरों का सामना न करना पड़े इसलिए फागिंग करके उन्हें राहत देने की कोशिश जरूर की जा रही है.