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वाराणसी में बारिश के बाद बढ़ा मच्छरों का प्रकोप, प्लान बनाने में नगर निगम व्यस्त

वाराणसी में डेंगू, मलेरिया समेत मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए लारवा फागिंग और मच्छरों से बचाव की प्लानिंग की शुरुआत बारिश के बाद की जाती है. लेकिन नगर आयुक्त का कहना है कि पिछले साल के मुकाबले डेंगू का असर इस साल कम है जबकि अभी तक 24 डेंगू के मरीज मिल चुके हैं. लोगों का कहना है कि मच्छरों का खौफ हर वक्त उनको और उनके परिवार को सता रहा है.

वाराणसी में बारिश के बाद बढ़ा मच्छरों का प्रकोप
वाराणसी में बारिश के बाद बढ़ा मच्छरों का प्रकोप

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Published : Oct 13, 2022, 10:11 PM IST

वाराणसी: हर बार बारिश का मौसम आने के साथ ही कागजी दस्तावेज में बारिश के बाद होने वाली परेशानियों से बचाव के लिए नगर निगम ( Varanasi Municipal corporation) अपनी तैयारियों को पुख्ता करने का दावा करता आ रहा है. बारिश के मौसम के बाद शासन स्तर पर संचारी रोग से नियंत्रण अभियान की शुरुआत की जाती है.

वाराणसी में बारिश के बाद बढ़े मच्छरों के बारे में स्थानीय लोगों और नगर आयुक्त ने कही ये बातें..

बता दें कि बारिश के बाद प्रशासन द्वारा डेंगू, मलेरिया समेत मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए सरकारी कागजों में एंटी लारवा फागिंग और मच्छरों से बचाव के तमाम तरीके करने की प्लानिंग कर इसकी शुरुआत की जाती है लेकिन इन सब के बाद भी क्या वाकई में इन प्रयासों का असर जमीनी स्तर पर दिखाई देता है.

इन्हीं दावों की हकीकत ईटीवी भारत ने प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र (Dengue in PM Modi parliamentary constituency) बनारस में उन इलाकों में कि जहां इन दिनों मच्छरों के प्रकोप से लोगों की जिंदगी दुश्वार हो गई है. बारिश के बाद इधर-उधर पानी भरा हुआ है. इससे मच्छरों के बढ़ने के साथ ही डेंगू मलेरिया जैसी बीमारियों के बढ़ने का खतरा लोगों में खौफ डाले हुए हैं. इसके बावजूद भी नगर निगम के अधिकारी यह मानने को तैयार नहीं कि शहर में डेंगू और मच्छर जनित बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है. कैमरे पर इस बात का दम भरते दिखाई दे रहे हैं, कि पिछले साल की तुलना में चीजें कंट्रोल में हैं. जल्दी ही मच्छरों की रोकथाम के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा.


वाराणसी नगर निगम के पास फागिंग की 40 मशीनें
वाराणसी नगर निगम (Varanasi Municipal Corporation) की सीमा विस्तार के साथ ही नगर निगम के काम में भी काफी इजाफा हो गया है. लेकिन नगर निगम अपने काम को सीमित साधनों के साथ ही आगे बढ़ाने के चक्कर में अपने कार्यों का क्रियान्वयन पूरी तरह से नहीं कर पा रहा है. जिसकी वजह से लोगों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. बारिश का सीजन लगभग खत्म हो चुका है. अब बारिश के बाद होने वाले मच्छरों के प्रकोप से बचने के लिए नगर निगम सिर्फ प्लान ही तैयार कर रहा है. वर्तमान समय में नगर निगम के पास लगभग 40 ऐसी फागिंग मशीनें हैं, जो मच्छरों की रोकथाम के लिए काम आती हैं.


30 फागिंग मशीनें बंद पड़ी
जनपद में कुछ साल पहले 30 की संख्या में साइकिल खरीदी गई थी. जिन पर फागिंग मशीनें लगाकर उन्हें गलियों में मच्छरों की रोकथाम के लिए फागिंग करने के लिए भेजा जाता था. लेकिन समय के साथ यह साइकिल गायब हो गई. जिसके बाद मशीनें स्टोर रूम में ही बंद पड़ी हैं. शहर में बड़ी गाड़ियों पर जाने वाली मशीनें फिर वीआईपी इलाकों तक ही घूम कर वापस स्टोर रूम में पहुंच जा रही हैं. जिसके कारण स्थानीय लोगों में इस बात को लेकर नाराजगी है कि मच्छरों का प्रकोप उन्हें सोने नहीं देता और मच्छरों का खौफ हर वक्त उनको और उनके परिवार को सताता रहता है. डर इस बात का है कि डेंगू जिस तरह से अपने पांव पसार रहा है. उससे बनारस में अब तक डेंगू के लगभग 24 मरीजों में इसकी पुष्टि हो चुकी है. उसके बाद भी मच्छरों के ऊपर नकेल कसने के लिए नगर निगम क्या प्लान तैयार कर रहा है.


पिछले साल के मुकाबले डेंगू का असर कम
जनपद के स्थानीय लोगों ने ईटीवी भारत से कहा कि मच्छरों की वजह से बहुत सी दिक्कतें हैं. लेकिन नगर निगम की टीम कभी दिखाई भी नहीं देती है. जिसके कारण परेशानी बढ़ती जा रही है. इन सब के बाद जब ईटीवी भारत की टीम ने नगर निगम पहुंचकर नगर आयुक्त से बातचीत की. नगर आयुक्त ने बताया कि पिछले साल की तुलना में डेंगू का असर इस बार कम है. पिछले साल के मुकाबले रिपोर्ट भी बेहद कम आ रही है. जिसकी वजह से नगर निगम अपने काम को बखूबी करने की कोशिश कर रहा है.

नगर आयुक्त का कहना है कि जिन इलाकों में ज्यादा असर है और शिकायतें आ रही हैं. वहां पर एंटी लारवा और फॉगिंग का काम किया जा रहा है. अब 5 दिन का विशेष अभियान चलाकर मच्छरों की रोकथाम के लिए कार्य किया जाएगा. फिलहाल नगर निगम अभी प्लान तैयार करके स्पेशल अभियान चलाने की तैयारी कर रहा है. लेकिन पूरे बनारस के तमाम इलाके अब भी मच्छरों से जूझ रहे हैं. जहां शहर में मच्छर जनित बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है.


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