वाराणसी: धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी आने वाला हर सैलानी गंगा घाट जरूर जाना चाहता है. सैलानियों के बल पर ही काशी के घाटों पर मौजूद पंडा और तीर्थ पुरोहितों की रोजी रोटी चलती है. इतना ही नहीं काशी में हर शाम होने वाली गंगा आरती देखने के लिए भी देश दुनिया के कोने-कोने से लोग आते हैं. काशी के घाट पर धार्मिक आयोजन करने वालों की भीड़ भी हमेशा बनी रहती हैं, लेकिन अब काशी के धार्मिक आयोजन, पंडा समाज को अपनी धार्मिक गतिविधियों को संचालित करने को लेकर नगर निगम नई नीति के तहत सारी धार्मिक कार्यों पर टैक्स लगाने जा रहा है.
इस नए नियम के बाद नगर निगम ने तत्काल प्रभाव से यह आदेश पारित कर टैक्स लगाए जाने की घोषणा कर दी है. जिसके बाद पंडा समाज और गंगा आरती समितियां इसके विरोध में खड़ी हो गई हैं. दरअसल वाराणसी नगर निगम ने नदी किनारे रखरखाव संरक्षण एवं नियंत्रण उपविधि 2020 नियम की घोषणा करते हुए तत्काल प्रभाव से घाट किनारे होने वाले किसी भी धार्मिक आयोजन के लिए टैक्स लगाए जाने की घोषणा की है. घाटों पर पूजा-पाठ कराने वाले पुरोहित हो या गंगा आरती कराने वाले अर्चक या फिर कथा रुद्राभिषेक पर नगर निगम टैक्स वसूलेगा.