वाराणसी:समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का सोमवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. मुलायम सिंह यादव का मंगलवार को सैफई में अंतिम संस्कार कर दिया गया. इन सबके बीच उनकी तमाम स्मृतियों को लोग याद कर रहे हैं. वाराणसी में भी मुलायम सिंह यादव की तमाम सूचियां है और तमाम उनके किए गए कार्यों को आज भी लोग याद करते हैं. इन सब के बीच एक ऐसा बड़ा प्रोजेक्ट था, जिसकी शुरुआत का श्रेय मुलायम सिंह को ही जाता है. यह प्रोजेक्ट वर्तमान में बड़े चर्चा में हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तौर पर देखा गया है.
इस प्रोजेक्ट नाम है विश्वनाथ कॉरिडोर, वैसे तो विश्वनाथ धाम का अलौकिक और अद्भुत रूप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शासनकाल में सामने आया, लेकिन इस पूरे प्रोजेक्ट की शुरुआत कहीं न कहीं से मुलायम सिंह यादव के प्रयासों से 2005 में मुख्यमंत्री रहते हुए हो गई थी. मंदिर विस्तारीकरण योजना के तहत भवनों की खरीद-फरोख्त और फिर मायावती शासनकाल में उसी प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने का काम मुलायम सिंह के प्रयासों के बाद ही हो सका था. 2015 में भी मुलायम सिंह यादव से तत्कालीन कार्यपालक समिति के लोगों ने मुलाकात कर विश्वनाथ मंदिर विस्तारीकरण की योजना को बल देने की अपील की थी. जिसके बाद मुलायम सिंह ने तत्कालीन मुख्यमंत्री और अपने बेटे अखिलेश यादव को इस प्रोजेक्ट को देखने के लिए कहा था.
मुलायम सिंह यादव के प्रयासों को लेकर इस पूरे प्लान पर तत्कालीन विश्वनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष आचार्य अशोक द्विवेदी और उनके सहयोगी और उससे वक्त विश्वनाथ मंदिर कार्यपालक समिति के सदस्य अजय शर्मा ने काफी प्रयास किए थे. अजय शर्मा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि 2005 में जब तारकेश्वर मंदिर विस्तारीकरण योजना के तहत कुछ भवनों की खरीद-फरोख्त की जानी थी. उस समय बतौर मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने इस योजना को हरी झंडी दी थी और मंदिर विस्तारीकरण योजना की शुरुआत हुई थी.