उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

कोरोनासुर के कारण काशी में मोक्ष के द्वार पर लगा ताला, लौट गए मोक्षार्थी

बनारस एक ऐसा शहर है, जहां लोग अपनी मृत्यु के लिए आते हैं. मोक्ष की लालसा में अपने अंतिम दिनों में यहां आकर अपने मौत का इंतजार करते हैं, लेकिन पिछले कई महीनों से इस मोक्ष के द्वार पर ताला जड़ा हुआ है.

By

Published : Feb 13, 2021, 10:36 AM IST

काशी में मोक्ष के द्वार पर लगा ताला.
काशी में मोक्ष के द्वार पर लगा ताला.

वाराणसी : धर्म और अध्यात्म की नगरी बनारस कई सारे पौराणिक मान्यताओं के लिए जानी जाती है. इन्हीं में से एक पौराणिक मान्यता यह भी है की काशी में मरने वालों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. यही वजह है कि दूरदराज अन्य देशों से लोग काशी के मुक्तिधाम में आकर रहते हैं. वह जीवन के अंतिम समय को अपने परिवार व काशी की धरती पर बिताते हैं. मृत्यु के बाद काशी के महा श्मशान घाट पर उनके परिजनों द्वारा उनका अंतिम संस्कार किया जाता है. लेकिन पिछले कई महीनों से कोरोनासुर के कारण यह मोक्ष का द्वार बंद है.

काशी में मोक्ष के द्वार पर लगा ताला.
काशी में मोक्ष के द्वार पर लगा ताला.

अस्थायी रूप से बंद है मोक्ष का द्वार
जी हां, वाराणसी के मिसिर पोखरा इलाके में स्थित मुक्ति भवन को कोरोना महामारी के कारण अस्थाई रूप से बंद कर दिया गया है. लगभग 10 महीने से मुक्ति भवन के कमरे पर ताला लगा हुआ है. इस बाबत काशी लाभ मुक्ति भवन के मैनेजर अनुराग हरि शुक्ला ने बताया कि कोरोना महामारी को देखते हुए ट्रस्ट के सदस्यों ने मुक्ति भवन को अगले आदेश तक अस्थाई रूप से बंद करने का फैसला लिया है. उन्होंने बताया कि वाराणसी के भवन में लोग जीवन के अंतिम समय में अपने परिवार के साथ समय बिताते हैं. कोरोना काल के द्वारा कोविड की जांच और मेडिकल की सुविधा न होने के कारण इसे अस्थाई तौर पर बंद कर दिया गया हैं. ट्रस्ट के सदस्यों का मानना है कि जब स्थिति सामान्य हो जाएगी तो फिर से खोला जाएगा.

काशी में मोक्ष के द्वार पर लगा ताला.

अंतिम समय बिताने आते हैं लोग
वाराणसी के काशी लाभ मुक्ति भवन की बात करें तो 1956 में डालमिया चैरिटेबल ट्रस्ट के द्वारा इसे काशी में स्थापित किया गया था. जिसका मुख्य उद्देश्य बुजुर्ग लोगों को मोक्ष प्राप्ति के लिए स्थान देना है. जो लोग शारिरिक रूप से अस्वस्थ हो जाते हैं, उन्हें सिर्फ सेवा की आवश्यकता होती है वह लोग वाराणसी के मुक्तिधाम में आते हैं. इसको लेकर के मुक्तिधाम में 10 कमरे बने हुए हैं. साथ ही एक मंदिर है जहां पर तीन पहर पूजा होती है. अपने अंतिम समय में लोग अपने परिजनों के साथ मुक्ति भवन के इन कमरों में रहते हैं और जब उनकी मृत्यु हो जाती है. इसके बाद उनके परिजन उनका अंतिम संस्कार कर वापस जाते हैं.

काशी में मोक्ष के द्वार पर लगा ताला.
काशी में मोक्ष के द्वार पर लगा ताला.

इतने लोगों को मिल चुका है मोक्ष
बता दें कि अब तक काशी लाभ मुक्ति भवन में लगभग 11866 लोग आकर के निवास किए हैं. जिसमें से 90 प्रतिशत लोगों को मोक्ष की प्राप्ति हो गई है. इनमें से 10 प्रतिशत लोग स्वस्थ होकर के या किसी शारीरिक समस्या के कारण अस्पताल चले गए हैं. लेकिन कोरोना के समय से इसे अस्थाई रूप से बंद कर दिया गया है. इस दौरान जो लोग यहां निवास कर रहे थे उनमें से कुछ की मृत्यु हो गई और जो लोग यहां पर रह रहे थे, उन्हें वापस घर भेज दिया गया. तब से अब तक अस्थाई रूप से यह मुक्ति भवन बंद है.

काशी में मोक्ष के द्वार पर लगा ताला.

ABOUT THE AUTHOR

...view details