वाराणसी: देश भर में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने के लिए, शहरी विकास विभाग, UP सरकार के साथ साझेदारी में आर्थिक मामलों के विभाग, वित्त मंत्रालय के तहत स्थापित इंफ्रास्ट्रक्चर वित्त सचिवालय (आईएफएस) ने राज्य सरकारों के साथ बुनियादी ढांचे पर एक केंद्रित कार्यशाला का शुक्रवार को आयोजन किया.
उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और छत्तीसगढ़ का वाराणसी में प्रमुख बुनियादी ढांचा मंत्रालयों के साथ राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ नियोजित कार्यशालाओं की श्रृंखला में यह तीसरी कार्यशाला है. इसका उद्देश्य बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को शुरू करने में परियोजना अधिकारियों के सामने आने वाले जमीनी मुद्दों को समझना है. इस मीटिंग में प्रमुख बुनियादी ढांचा केंद्रीय मंत्रालयों जैसे आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय, सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, बिजली मंत्रालय, उद्योग संवर्धन विभाग, और आंतरिक व्यापार और उनकी कार्यान्वयन एजेंसियों जैसे वरिष्ठ अधिकारियों ने अपनी बात रखी. इस दौरान उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ तथा मध्य प्रदेश की सरकारों के 50 से अधिक वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया.
कार्यशाला में उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने कहा कि बनारस में हुए बदलाव पीपीपी मॉडल के द्वारा इंफ्रास्ट्रक्टर में हुए बदलाव को रेखांकित करता है. कार्यशाला में आए हुए लोगों से उन्होंने श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर देखने की अपेक्षा की और बाबतपुर एयरपोर्ट से गंगा घाट तक हुए विकास को देखने का आग्रह किया, कहा कि अगर पहले बनारस आयें हों, तो इसको समझ सकते हैं कि इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को बढ़ाने में कितना महत्वपूर्ण रोल अदा कर सकता है.
उन्होंने नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन प्रोजेक्ट (एनआईपी) का उल्लेख करते हुए कहा कि जब वे केंद्र में सचिव थे, तो उन्होंने इस 111 लाख करोड़ की परियोजना में प्रमुख भूमिका निभायी थी, जिसमें एक बड़ा हिस्सा 16 लाख करोड़ का शहरी मंत्रालय का था. उन्होंने स्वच्छता, जल, विद्यालय, मेडिकल कॉलेज इन सबमें हो रहे इंफ्रास्ट्रक्चर विकास की चर्चा के दौरान जोर देते हुए कहा कि आने वाले समय में अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे.
उन्होंने केंद्र सरकार की 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था और उत्तर प्रदेश सरकार की अगले चार वर्षों में 245 बिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लक्ष्य के तरफ ध्यान दिलाया. बताया कि उत्तर प्रदेश में बने यमुना एक्सप्रेसवे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, बलिया लिंक एक्सप्रेसवे और0 वर्तमान में बनने जा रहे. देश के सबसे बड़े एक्सप्रेसवे गंगा एक्सप्रेसवे की तरफ भी याद दिलाते हुए पीपीपी मॉडल और बीओटी (बिल्ट ऑपरेट एंड ट्रांसफर) की बात की.
उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के परियोजनाओं में हो रहे विकास का ही नतीजा है कि आप राजधानी दिल्ली से उनके गृह जनपद बलिया आठ से दस घंटे में पहुंच सकते हैं. बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे के बनने के बाद बुन्देलखण्ड के जिलों में पर्यटन में हुए विकास की तरफ भी ध्यान दिलाया ताकि लोग वहां जाकर बुंदेली संस्कृति को महसूस करें और जिए. उन्होंने प्रदेश में 3 अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा और चालू होने को तैयार 9 हवाई अड्डा की तरफ भी ध्यान दिलाया. 5 शहरों में गतिमान मेट्रो संचालन, आगरा और मेरठ में बन रही मेट्रो और गोरखपुर में बनने जा रहे लाइट मेट्रो पर अपनी बात रखी कि उत्तर प्रदेश किस प्रकार असीम संभावनाएं समेटे हुए है. उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना में एक करोड़ आवास का लक्ष्य था, जो की असाधारण जान पड़ता था. लेकिन मजबूत इक्षाशक्ति के बल पर वर्तमान में बने 1 करोड़ 22 लाख मकान पूरे हो चुके हैं.