श्रद्धालुओं ने साफ-सफाई कर मां गंगा की आरती की. वाराणसी :उत्तर व दक्षिण भारत के ऐतिहासिक संबंधों को मजबूत करने वाले पुष्कर मेले की शुरुआत शनिवार से हो गई. आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल से आए लोगों ने केदार घाट पर गंगा स्नान के बाद नमामि गंगे के सदस्यों के साथ गंगा की आरती की. सुख-समृद्धि की कामना की. इसके बाद अक्षय तृतीया के अवसर पर गंगा के निर्मलीकरण के संकल्प के साथ मां गंगा का दुग्धाभिषेक भी किया. मेले में आए तीर्थयात्रियों ने कर्मकाण्ड और अपने पूर्वजों का श्राद्धकर्म भी किया.
नमामि गंगे के सदस्यों द्वारा तुलसी के पौधे हाथों में लेकर गंगा की आरती उतारने के बाद विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर सभी ने गंगा को प्रदूषण मुक्त करने का संकल्प लिया. आस्थावानों ने नमामि गंगे टीम के साथ गंगा तलहटी की सफाई में भी हाथ बंटाया. श्रमदान करके ढेरों कचरे को निकालकर कूड़ेदान तक पहुंचाया. पर्यावरण को शुद्ध रखने और पौधरोपण की भावना जागृत करने की नीयत से लोगों को तुलसी का पौधा प्रदान किया.
वहीं नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने बताया कि गंगा पुष्करालु के दौरान लोग खुद को पापों से मुक्त करने और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पवित्र नदी गंगा में डुबकी लगाते हैं. विश्व पृथ्वी दिवस हमारे लिए केवल एक रस्म-भर नहीं है, बल्कि यह खास दिन पृथ्वी के महत्व को उजागर करने के लिए है. लोगों को यह बतान के लिए है कि प्रकृति को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए.
संयोजक ने कहा कि पेड़-पौधे लगाने, पेड़ों को संरक्षित करने, हरे पेड़ न काटने, नदियों को साफ रखने, जल का संरक्षण और प्रकृति से खिलवाड़ न करने जैसी चीजों के लिए हमें जागरूक होना चाहिए .हमें हर दिन को पृथ्वी दिवस मानकर उसके बचाव के लिए कुछ उपाय करते रहना चाहिए. इस आयोजन में प्रमुख रूप से नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला, महानगर संयोजक शिवदत्त द्विवेदी , महानगर सहसंयोजक बीना गुप्ता, महानगर प्रभारी पुष्पलता वर्मा एवं दक्षिण भारतीय श्रद्धालुगण शामिल रहे.
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