वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में चल रहे विकास कार्यों के साथ पुरातन संस्कृति और विरासत को बचाकर किए जा रहे कार्यों की हकीकत को जानने के लिए ब्रिटिश उच्चायोग की टीम सोमवार को वाराणसी पहुंची. टीम के 3 सदस्यीय दल के लोगों ने नगर निगम में मेयर संघ नगर आयुक्त और अन्य अधिकारियों के साथ मुलाकात भी की. लंदन से विशेष तौर पर बनारस आने वाली टीम का मकसद बनारस में चल रहे री-डेवलपमेंट के काम में लंदन की पुरातन इमारतों को बचाकर किए जा रहे वर्क के साथ प्रदूषण के स्तर पर नियंत्रण करने के लिए उठाए जा रहे प्रभावी कदम पर चर्चा हुई.
सामने रखा काम का लेखा जोखा
टीम को लीड करने वाले रिचर्ड बार्लो, राजनीतिक एवं द्विपक्षीय अफेगर्ज, ब्रिटिश उच्चायोग नई दिल्ली के साथ तीन सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने महापौर मृदुला जायसवाल एवं नगर आयुक्त प्रणय सिंह के साथ नगर निगम, वाराणसी में मुलाकात की. महापौर मृदुला जायसवाल ने रिचर्ड बार्लो को बताया कि वाराणसी शहर विश्व के प्राचीनतम शहरों में से एक है. यहां की विश्व विख्यात गलियां, काशी विश्वनाथ मंदिर और गंगा किनारे स्थित दशाश्वमेध घाट, हरिश्चन्द्र घाट, अस्सी घाट, मणिकर्णिका घाट सहित अनेक घाट हैं, जो वर्षों वर्ष के अखंड इतिहास को संजोये हुए हैं. दूसरी ओर बौद्धिष्ट संस्कृति सारनाथ विश्व विख्यात पर्यटक स्थल है. काशी की संस्कृति पौराणिक विरासत को संजोये हुए हैं. मृदुला जायसवाल ने बताया कि काशी की गलियों के इतिहास एवं सांस्कृतिक धरोहर को संकलित करते हुये री-डेवलपमेन्ट ऑफ ओल्ड काशी के अन्तर्गत पुराने वार्डों को ऐतिहासिक रूप देते हुए भव्य री-डेवलपमेन्ट ऑफ ओल्ड काशी की परिकल्पना को साकार रूप दिया जा रहा है.