वाराणसी: विश्वनाथ धाम का लोकार्पण करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे, जहां सबसे पहले उन्होंने बाबा काल भैरव के दरबार में शीश नवाया. साथ ही यहां प्रधानमंत्री ने विशेष पूजा-अर्चना भी की. जिसमें एक गुप्त पूजा भी शामिल हैं, जो सर्व बाधा मुक्ति और विजय प्राप्ति के लिए थीं. काल भैरव मंदिर के व्यवस्थापक पंडित नवीन गिरी ने बताया कि आज काल भैरव की पूजा-अर्चना में प्रधानमंत्री मोदी की विशेष पूजा भी कराई गई. जिसमें दो-तीन पूजा शामिल हैं.
आज की विशेष पूजा में उनका पीतल के पात्र में छाया दान कराया गया. उन्होंने बताया कि छाया दान एक गुप्त पूजा होती है, जिसमें पीतल के पात्र में सरसों का तेल रखकर प्रधानमंत्री की छाया दिला कर उसे बाबा को अर्पण किया गया. इससे सर्व बाधा मुक्ति होती है और व्यक्ति को हर कार्य में विजय की प्राप्ति होती है. उन्होंने बताया कि इस गुप्त पूजन से प्रधानमंत्री की सभी समस्याओं का समाधान होगा और उन्हें हर काम में यश की भी प्राप्त होगी.
घी दीपक व कपूर संग की खास सिद्धि पूजा
इसके पश्चात उन्होंने बताया कि आज के पूजन में एक खास पूजन भी कराया गया, जिसमें सबसे पहले घी के दीपक से बाबा काल भैरव की आरती उतारी गई और उसके पश्चात कपूर की आरती से पूजन का समापन हुआ. उन्होंने बताया कि इस तरीके के पूजा का हिंदू धर्म पुराणों में अपना अलग महत्व है.यह सिद्धि समृद्धि की पूजा मानी जाती है.
दीपक से पहले पूजा कराने का तात्पर्य है कि सुख समृद्धि में वृद्धि हो, पूरे देश में ऐश्वर्या रहे.उसके बाद कपूर की आरती कराने का तात्पर्य है कि जितनी भी नकारात्मक शक्तियां है वह दूर रहें और जश की प्राप्ति हो.इस धेय से आज घी के दीपक संग विशेष कपूर की आरती कराई गई है.
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