वाराणसीः आज नवरात्रि के आखिरी और नौवें दिन माता के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से इंसान को सभी देवियों की पूजा का फल मिलता है. देवी पुराण के मुताबिक भगवान शिव ने इन्हीं शक्ति स्वरूपा देवी की उपासना करके सिद्धियां प्राप्त की थी. इसलिए माता को सिद्धिदात्री कहा जाता है.
मंद मुस्कान है मां की पहचान
काशी के ज्योतिषाचार्य पंड़ित शेखर त्रिवेदी के मुताबिक मां सिद्धिदात्री का स्वरूप बेहद मन मोहक है. मां सिद्धिदात्री कमल पर विराजमान रहती हैं. लाल वस्त्र धारण करने वाली माता की चार भुजाओं में सुदर्शन चक्र, शंख, गदा और कमल होता है. माता के सिर पर मुकुट और चेहरे पर मंद मुस्कान ही मां सिद्धिदात्री की पहचान है.