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नगर निकाय चुनाव के आरक्षण ने बढ़ाई नेताओं की चिंता, करियर को कैसे आगे बढ़ाएंगे? - नगर पंचायत गंगापुर आरक्षण सूची

वाराणसी में नगर निकाय चुनाव (Municipal elections in Varanasi) को लेकर आरक्षण सूची जारी होने के बाद राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. इस आरक्षण ने कई नेताओं के भविष्य को खतरे में डाल दिया है. अब नेताओं को अपने करियर को लेकर चिंता सता रही है.

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Published : Dec 3, 2022, 10:00 PM IST

वाराणसी: नगर निकाय चुनाव को लेकर आरक्षण सूची जारी होने के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. चुनावी तैयारी में लगे नेता क्षेत्र में बधाई अपनी छवि को लोगों तक पहुंचाने में जुटे हैं. नेता कई सालों से लोगों की समस्याओं के निराकरण में जुटे हुए थे. नेताओं का मकसद अपनी राजनीतिक को धार देना था. निकाय चुनाव में पार्षद प्रत्याशी के तौर पर चुनाव जीतने के बाद लोगों के बीच अपनी धाक बना सकेंगे. लेकिन, आरक्षण ने तो लोगों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया.

वाराणसी में 100 वार्ड में से 33 महिला वार्ड बना दिए गए और लगभग 24 से ज्यादा वार्ड उम्मीदों से उल्टे आरक्षण की चपेट में आ गए. वहीं, इस आरक्षण सूची के जारी होने के बाद राजनीति भी शुरू हुई है. समाजवादी पार्टी इस पूरे मामले पर सरकार पर जमकर आरोप लगा रही है, तो बीजेपी के ही कई नेता अपने ही वार्ड के आरक्षण में हुए परिवर्तन के बाद अपनी ही पार्टी से नाराज दिखाई दे रहे हैं.

चेतगंज वार्ड से 15 सालों से प्रत्याशी बनने के लिए संघर्ष कर रहे संदीप मिश्रा ने बताया कि नियम कानून को ताक पर रखकर सरकार ने आरक्षण (Reservation of municipal elections in Varanasi) लागू किया है. जिससे हमारा राजनीतिक भविष्य ही खतरे में आ गया है. वहीं, तुलसीपुर वार्ड से चुनावी तैयारियां कर रहे प्रिंस सिंह राजपूत ने कहा कि पिछले साल बीजेपी के टिकट पर हमने चुनाव लड़ने की तैयारी की थी. लेकिन, कुछ लोकल बड़े नेताओं ने उन्हें कदम पीछे करने के लिए कह दिया.

पूर्व पार्षद शंकर बिसनानी ने ईटीवी भारत से की खास बातचीत

ऐसी स्थिति में नेता अब समझ नहीं पा रहे हैं कि अपने राजनैतिक भविष्य को कैसे आगे (Varanasi Many leaders future in danger) बढ़ाएंगे. पूर्व पार्षद विकास चंद तिवारी का कहना है कि विरोध होना जायज है. क्योंकि, जिसकी सरकार है वह अपने हिसाब से ही आरक्षण लागू करवाता है. पहले की सरकारों ने भी यही किया है. बीजेपी भी यही कर रही है. इसमें गलत कुछ नहीं है. फिलहाल, चुनावी माहौल में आरक्षण की लिस्ट आने के बाद सरगर्मी बढ़ गई है.

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यह है आरक्षण का हाल:अनुसूचित जाति महिला 3 सीट, इनमें लहरतारा, सिकरौल, फुलवरिया शामिल हैं. अनुसूचित जाति 5 सीट, इसमें शिवदासपुर, सलारपुर, मंडुआडीह, दीनापुर, शिवपुर शामिल हैं. पिछड़ा वर्ग महिला 9 सीट में शिवपुरवां, गोला घाट रामनगर, कंदवां, तुलसीपुर, ककरमत्ता, बिरदोपुर, सूजाबाद डोमरी, भेलूपुर, छित्तुपुर खास शामिल हैं. पिछड़ा वर्ग 18 सीट में छित्तुपुर (लोको छित्तुपुर), गणेशपुर, नईबस्ती, लोढ़ान, जोलहा दक्षिणी, पांडेयपुर, दनियालपुर, चेतगंज, अकथा, मढ़ौली, पिसौर, रमरेपुर, जगतपुर, पुराना रामनगर, घसियारीटोला, शिवाला, पितरकुंडा, रामापुरा शामिल हैं. अनारक्षित 44 सीट में हुकुलगंज, रामपुर रामनगर, सरसौली, संदहां, तरना, दुर्गाकुंड, सरायनंदन, नारायणपुर, करौंदी, नदेसर, राजा बाजार, चौकाघाट, सुसुवाही, पिशाचमोचन, सारनाथ, जोल्हा उत्तरी, पहड़िया, सुंदरपुर, सिगरा, प्रहलादघाट, खजुरी, डिठोरी महाल, लल्लापुरा खुर्द, मध्यमेश्वर, हनुमानफाटक, कोनिया, आदिविशेश्वर, रानीपुर, बजरडीहा, भगवानपुर, काजीपुरा,कृतिवाशेश्वर, सूर्यकुंड, पियरी कला, गोला दीनानाथ, धूपचंडी, जंगमबाड़ी, बंगालीटोला, लल्लापुरा कला, बागेश्वरी देवी, दशाश्वमेध, कालभैरव, जमालुद्दिनपुरा, कमालपुरा शामिल हैं.

महिला 21 सीट में राजघाट, नगवां, सीरगोवर्धनपुर, रमदत्तपुर, नेवादा, लेढ़ुपुर, लोहता, नरिया, लालपुर मीरापुर बसहीं, अलईपुर, जलालीपुरा, ईश्वरगंगी, बागाहाड़ा, मदनपुरा, बिंदुमाधव, ओमकालेश्वर, सरैयां, बलुआबीर, कमलबढ़हा, काजी सादुल्लापुरा, बंधु कच्ची बाघ शामिल हैं. नगर पंचायत गंगापुर आरक्षण सूची (Nagar Panchayat Gangapur Reservation List) में अनुसूचित जाति महिला की 1 सीट, अनुसूचित जाति की जीरो सीट, पिछड़ा वर्ग महिला की 1सीट, पिछड़ा वर्ग की 1 सीट, अनारक्षित 5 में सीट जवाहर नगर, पटेल नगर, मालवीय नगर, मोती नगर, सुबाष नगर शामिल हैं. वहीं, महिला की 2 सीट में गांधीनगर, लोकमान्यनगर शामिल हैं.

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