वाराणसीः आदि कवि महर्षि वाल्मीकि की जयंति पर शनिवार को धार्मिक नगरी काशी में रामायण पाठ का आयोजन किया गया. महर्षि वाल्मीकि और रामयण के पूजन के बाद मंगलाचरण का पाठ हुआ, इस उपरांत सुंदरकांड का पाठ प्रारंभ किया गया.
वाराणसी: सुंदरकांड पाठ का अनुसरण कर मनाई महर्षि वाल्मीकि जयंती - शास्त्रार्थ महाविद्यालय में सुंदरकांड पाठ का आयोजन
धार्मिक नगरी काशी में विप्र समाज की ओर से शास्त्रार्थ महाविद्यालय में आदि कवि महर्षि वाल्मीकि की जयंती पर सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया गया. इस दौरान संस्कृत के बटुकों और विद्वानों ने संस्कृत भाषा में रचित सुंदरकांड पाठ के श्लोकों का पाठ किया.
काशी के विप्र समाज ने संस्कृत के बटुकों व विद्वानों के साथ संस्कृत भाषा में रचित सुंदरकांड का पाठ दशाश्वमेध स्थित शास्त्रार्थ महाविद्यालय में किया. काशी विप्र समाज के संयोजक पवन शुक्ला ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और संस्कृति विभाग के राज्यमंत्री डॉक्टर नीलकंठ तिवारी के आह्वान पर काशी के विप्र समाज ने डॉ. राघव शरण मिश्र के आचार्यत्व में 11 संस्कृत बटुकों और काशी के विद्वानों के साथ शास्त्रार्थ महाविद्यालय परिसर में स्थापित मंदिर में सुंदरकांड के संस्कृत श्लोकों का पाठ किया गया.
महर्षि वाल्मीकि ने समाज को नई दिशा दी
आचार्य शुक्ला ने आगे कहा कि श्रीमद् वाल्मीकि रामायण भारत का एक महाकाव्य है, जिसके माध्यम से महर्षि वाल्मीकि ने समाज को एक नई दिशा प्रदान करने का प्रयास किया है. इसको पढ़ने से स्वयं का आत्मबोध भी होता है. पाठ कार्यक्रम में शास्त्रार्थ महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. गणेश दत्त तिवारी,आचार्य चूड़ामणि तिवारी, आचार्य विकास दीक्षित, डॉ. अशोक पांडेय, अमन शास्त्री आदि विद्वान उपस्थित रहे.