वाराणसी : पाणिनि कन्या महाविद्यालय में कन्याएं शास्त्र और शस्त्र की शिक्षा लेने के लिए आती हैं. ये कन्याएं अलग-अलग धर्मों की भी होती हैं. ऐसे में इन कन्याओं के माता-पिता का भी सनातन धर्म और आर्य समाज के प्रति झुकाव हो जाता है. कई बार वे सनातन धर्म को स्वीकार भी कर लेते हैं. वाराणसी में भी 2 दिन पहले ऐसा देखने को मिला. 12 साल की बेटी का आर्य धर्म के प्रति रुझान और समर्पण देखकर महाराष्ट्र के रहने वाले क्रिश्चियन माता-पिता ने भी आर्य धर्म अपना लिया.
बेटी के कार्य व्यवहार से बदले माता-पिता :पाणिनि कन्या महाविद्यालय की प्राचार्या नंदिता शास्त्री और उप प्राचार्या डॉ. प्रीति विमर्शिनी ने बताया कि महाराष्ट्र के भांडुप के रहने वाले ईसाई समुदाय के सायमन डेविड अल्मोड़ा और सीमा सायमन ने 1 साल पहले अपनी बेटी सुझाना सायमन को संस्कृत पढ़ने के लिए काशी में भेजा था. उन्होंने अपनी बेटी का दाखिला महाविद्यालय में कक्षा 6 में कराया था. 1 साल में सुझाना ने वैदिक शिक्षा से काफी कुछ सीखा. इसके बाद उसने अपने परिवार को भी सनातन और आर्य समाज के बारे में बताना शुरू कर दिया. इसके बाद धीरे-धीरे उनमें भी बदलाव आने लगा. उनका रुझान इस ओर बढ़ने लगा.