उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

आईआईटीयंस हायर कर रहे राजनीतिक दल: इलेक्शन मैनेजमेंट, रणनीति और छवि चमकाने का जिम्मा संभालेंगे टेक्नोक्रेट

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 10, 2023, 6:49 PM IST

Updated : Dec 11, 2023, 9:26 AM IST

पॉलिटिकल पार्टियां (Campaigning of Political Parties) की इमेज बनाने का काम बड़ी-बड़ी कंपनियां करती हैं. इसके लिए कंपनियां कई तरह के कैपेन चलाती हैं. आजकर कंपनियां कैपेन चलाने के लिए आईआईटी औऱ बीएचयू से छात्रों को हायर (Hiring IIT Students) कर रही हैं. पढ़िए पूरी खबर.

Etv Bharat
Etv Bharat

वाराणसी:सोशल मीडिया पर आप बहुत सी पॉलिटिकल पोस्ट देखते होंगे. इसमें कांग्रेस, भाजपा, समाजावदी पार्टी के अलावा कई अन्य पार्टियों के पोस्ट होते हैं. कई तरह के विश्लेषण होते हैं, जिनमें विरोधी पार्टी का निगेटिव प्रचार किया जा रहा होता है. दरअसल, यह पीआर (पब्लिक रिलेशन) मैनेजमेंट होता है, जो पॉलिटिकल पार्टियों की इमेज बनाने का काम करता है. लेकिन, क्या आपको पता है कि आजकल ये कैंपेन चलाने वाले लोग IIT-BHU से भी हायर किए जा रहे हैं. नेशन विथ नमो जैसी कंपनियों ने कैंपस प्लेसमेंट में छात्रों का इंटरव्यू किया है.

आजकल युवा सरकारी नौकरियों की तरफ अधिक आकर्षित हो रहे हैं. ऐसा दौर शुरू से ही रहा है. लेकिन, अभी जो दौर है, वह कोरोना के बाद का दौर है. कोरोना काल में कई निजी कंपनियों ने बहुत बड़ी संख्या में छटनी की थी. बजट की दिक्कत और इनकम प्रभावित होने की बात के सहारे अच्छी सैलरी पर काम कर रहे युवाओं को नौकरी से निकाल दिया था. ऐसे में एक बार फिर निजी कंपनियों का हायरिंग का दौर चल पड़ा है. लेकिन, बड़ी बात ये है कि इस बार IIT-BHU में प्लेसमेंट के लिए पहुंची कंपनियों में पॉलिटिकल पीआर की कंपनियां भी हैं, जो IIT से छात्रों को हायर कर रही हैं.

कैंपस से पीआर कंपनियों ने किया चयन

इस बारे में IIT-BHU के प्रो. सुशांत श्रीवास्तव से बात की. उन्होंने बताया कि इस बार कैंपस में पॉलिटिकल पीआर की कंपनियां आई हुई हैं. इन कंपनियों ने कैंपस इंटरव्यू कर 5 से 6 बच्चों का चयन किया है. इतना ही नहीं उन्हें अच्छे पैकेज भी ऑफर किए हैं. ये कंपनियां पॉलिटिकल पार्टियों के पीआर के लिए काम करती हैं. ऐसे में जिन छात्रों का चयन हुआ है, उन्हें एनालिस्ट की पोस्ट ऑफर की गई है. ये बच्चे डाटा एनालिसिस का काम करेंगे. साथ ही इन कंपनियों की पॉलिटिकल स्ट्रेटजी को मजबूत करने में मदद करेंगे.

पहली बार आई नेशन विथ नमो

प्रो. श्रीवास्तव बताते हैं कि नेशन विथ नमो कंपनी कैंपस में पहली बार आई है, जबकि I-PAC पिछले साल भी कैंपस इंटरव्यू और प्लेसमेंट के लिए आई थी. इस बार दोनों की कंपनियों में छात्र अच्छी सैलरी पर गए हैं. एनालिस्ट, जूनियर एनालिस्ट और सीनियर एनालिस्ट के पदों पर इन बच्चों का चयन हुआ है. कंपनियों ने 20 लाख तक का पैकेज दिया है. इन कंपनियों में जॉब पाकर बच्चे काफी खुश हैं और उत्साहित भी हैं. इसकी वजह ये भी है कि पहली बार इस तरह का पॉलिटिकल माहौल और काम करने का तरीका उन्हें पता चलने जा रहा है.

इन विषयों के छात्रों की बढ़ रही मांग

वरिष्ठ पत्रकार प्रो. आरपी पांडे ने बताया कि आजकल पॉलिटिकल पार्टियों की अपनी पीआर कंपनियां होती हैं. उनको प्रोजेक्ट दिए जाते हैं जो उनके पॉलिटिकल एजेंडा को आगे बढ़ाने का काम करते हैं. इस काम के लिए इन कंपनियों को जानकार और काम करने में दक्ष लोगों की जरूरत होती है. कॉन्टेंट बनाना, स्ट्रेटजी बनाना, डाटा कलेक्ट करना, पब्लिक का रुझान देखना जैसे काम होते हैं. ऐसे में मास कम्युनिकेशन के साथ ही बीटेक, एमबीए के छात्रों को भी ये कंपनियां हायर करती हैं. ऐसे में इन छात्रों के पास भी जॉब का अच्छा मौका है.

किन पार्टियों के लिए काम करती हैं ये कंपनियां

अब बात करते हैं कि IIT-BHU में कैंपस इंटरव्यू करने वाली ये कंपनियां किसके लिए काम करती हैं. सबसे पहले बात करते हैं नेशन विथ नमो की. ये कंपनी भारतीय जनता पार्टी के लिए बड़े स्तर पर काम कर रही है. पार्टी के लिए चुनाव प्रचार से लेकर कैंपेन आइडिया बनाना इनका काम होता है. इसके साथ ही सोशल मीडिया पर विरोधियों को ध्वस्त करने का काम भी पार्टी पीआर के माध्यम से करती है. वहीं I-PAC भी यही काम करती है, लेकिन आजकल TMC के लिए यह काम कर रही है. इसका भी काम पार्टी के प्रभाव की जानकारी इकठ्ठा करना और उसका विश्लेषण करना है. साथ ही सोशल मीडिया कैंपेन करना है. सभी पॉलिटिकल पीआर एजेंसियां इसी तरह से पार्टियों के लिए काम करती हैं.

किस तरह से काम करती हैं ये कंपनियां?

सबसे पहले इनके पास एक टीम होती है. इस टीम में कॉन्टेंट राइटर, एनालिस्ट, वीडियो एडिटर, सोशल मीडिया मैनेजर, एडवरटाइजिंग मेकर आदि होते हैं. ये सभी मिलकर एक स्ट्रेटजी तैयार करते हैं. इसके साथ ही ये टीम कई तरह के नैरेटिव सेट करती है, जिसे सोशल मीडिया और अन्य तरीके से लोगों तक पहुंचाने का काम किया जाता है. आपने इस बार 'मोदी गारंटी' स्लोगन सुना होगा. यह भी एक तरीके से कैंपेन स्लोगन था, जिससे लोगों को अटैच किया गया. इसी तरह से अलग अलग स्लोगन के माध्यम से भी नैरेटिव को लोगों तक पहुंचाया जाता है.

यह भी पढ़ें:मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को घोषित किया अपना उत्तराधिकारी, संभालेंगे बसपा की कमान

यह भी पढ़ें:आकाश आनंद के बाद अब उनकी पत्नी प्रज्ञा की भी राजनीति में होगी एंट्री!

Last Updated : Dec 11, 2023, 9:26 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details