यहां कण-कण में हैं शंकर, एक दो नहीं बल्कि स्थापित हैं लाखों लाख शिवलिंग - sawan somwar 2021
काशी शिव की नगरी कही जाती है और यहां स्वयंभू शिवलिंग और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार स्थापित मंदिर मिल जाएंगे, मगर आज हम आपको जिस मठ मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, वह मंदिर न सिर्फ कण-कण में शिव के होने का एहसास कराता है बल्कि दक्षिण भारत और महाराष्ट्र से आने वाले भक्तों के लिए बहुत बड़ा तीर्थ स्थल है.तो आइए हम आपको बताते हैं बनारस के उस अद्भुत मठ मंदिर के बारे में जो 1400 साल पहले स्थापित हुआ और आज भी यहां पर हर रोज हजारों की संख्या में शिवलिंग की स्थापना होती है,
वाराणसी: काशी शिव की नगरी कही जाती है और काशी के कण-कण में शिव का वास है. शिव की इस नगरी में वैसे तो बहुत से स्वयंभू शिवलिंग और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार स्थापित मंदिर मिल जाएंगे, लेकिन आज हम आपको जिस मठ मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, वह मंदिर न सिर्फ कण-कण में शिव के होने का एहसास कराता है बल्कि दक्षिण भारत और महाराष्ट्र से आने वाले भक्तों के लिए बहुत बड़ा तीर्थ स्थल है. इस पवित्र स्थल पर एक दो नहीं बल्कि भगवान शिव के लाखों शिवलिंग स्थापित है. आपकी नजरें जहां तक जाएंगी वहां से आपको भगवान शिव के ही दर्शन होंगे, तो आइए हम आपको बताते हैं बनारस के उस अद्भुत मठ मंदिर के बारे में जो 1400 साल पहले स्थापित हुआ और आज भी यहां पर हर रोज हजारों की संख्या में शिवलिंग की स्थापना होती है साथ ही क्या है इस लाखों शिवलिंग से जुड़ी कहानी और क्यों यह स्थान भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है.
स्थापित हैं कोटि कोटि शिवलिंग
दरअसल वाराणसी शहर में जंगमबाड़ी इलाके में स्थित जगम बाड़ी मठ 1400 साल पुराना है. इस मठ के वर्तमान पीठाधीश्वर जगतगुरु चंद्रशेखर शिवाचार्य महास्वामी हैं. इस मठ से जुड़ी कई कहानियां हैं, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण है इस मठ में स्थापित कोटि-कोटि शिवलिंग, कोटि-कोटि इसलिए क्योंकि इन शिवलिंगों की गिनती ही नहीं है. वैसे यह कहा जाता है कि यहां पर 10 लाख से ज्यादा शिवलिंग स्थापित हैं, लेकिन इनकी गिनती ना हुई है ना हो सकती है, क्योंकि हर रोज यहां पर सैकड़ों की संख्या में शिवलिंग की स्थापना होती रहती है.
इस वजह से स्थापित हैं लाखों शिवलिंग
कई मान्यताओं का केंद्र है यह मठ