वाराणसी: आज 30 अगस्त को पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है. यह पर्व वैष्णव और शैव दोनों संप्रदाय के लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है. हालांकि हर साल कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व दोनों संप्रदाय के लोग अलग-अलग दिन मनाते हैं लेकिन इस बार जन्माष्टमी दोनों संप्रदाय की तरफ से 30 अगस्त को ही मनाई जाएगी.
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आज 30 अगस्त को कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जा रहा है. इस बार अद्भुत योग की वजह से श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 30 अगस्त की मध्य रात्रि 12:00 बजे ही मनाया जाएगा और इसी समय भगवान श्री कृष्ण का जन्म किया जा सकेगा.
दरअसल, अष्टमी और रोहिणी नक्षत्र यानी जिस काल में भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था, वह 30 अगस्त की रात्रि में प्राप्त हो रही है. इस अद्भुत योग की वजह से श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 30 अगस्त की मध्य रात्रि 12:00 बजे ही मनाया जाएगा. इसी समय भगवान श्री कृष्ण का जन्म किया जा सकेगा.
ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषि द्विवेदी ने बताया कि सनातन धर्म में भाद्र कृष्ण अष्टमी को श्री कृष्ण जन्माष्टमी के नाम से जाना जाता है. इस दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था. यही वजह है कि इस विशेष दिन में व्रत रखने का विशेष विधान बताया गया है.
इस दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्म उत्सव धूमधाम के साथ पूरी दुनिया में मनाया जाता है. भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्र कृष्ण अष्टमी रोहिणी नक्षत्र में वृषभ राशि के चंद्रमा में हुआ था. भगवान श्री कृष्ण ही ऐसे विशेष देवता हैं जो 10 अवतारों में सर्व प्रमुख पूर्ण अवतार यानी 16 कलाओं से परिपूर्ण माने जाते हैं.