वाराणसी: सनातन धर्म में व्रत, पर्व, त्योहार, स्नान और दान का विशेष महत्व है. हर महीने पड़ने वाले अलग-अलग पर्व और तिथियां फल भी अलग-अलग देती हैं. साल के 12 महीने होते हैं और हर माह पड़ने वाली अमावस्या तिथि अलग-अलग नामों से जानी जाती है. सोमवती अमावस्या से लेकर मौनी अमावस्या तक हर एक का अपना अलग महत्व है. इनमें से मौनी अमावस्या तिथि बेहद खास होती है. इस बार मौनी अमावस्या 11 फरवरी को है. यह अमावस्या अन्य अमावस्या से अलग है. इसमें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और क्या करना चाहिए, इस बारे में काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित पवन त्रिपाठी जानकारी दे रहे हैं.
मौनी अमावस्या का है विशेष महत्व, जानिए क्या है मान्यता
मौनी अमावस्या का विशेष पर्व इस बार 11 फरवरी को है. यह अमावस्या अन्य अमावस्या से अलग है. इसमें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और क्या करना चाहिए, इस बारे में काशी के ज्योतिषाचार्य ने जानकारी दी.
मौनी अमावस्या का विशेष पर्व
मौन धारण कर लगाएं डुबकी
उन्होंने बताया कि जैसे की नाम से ही पता चल रहा है मौनी मतलब मौन यानि मौनी अमावस्या के दिन सबसे अहम बात यह है कि मौन धारण करके गंगा में डुबकी लगानी चाहिए. गंगा में डुबकी लगाने के बाद मौन रखकर ही दान करने का भी विधान है. दान भी आप अपनी क्षमता के अनुसार कर सकते हैं. इसके लिए शरद ऋतु होने के कारण ऊनी वस्त्रों को दान करने का विशेष महत्व है. इसके अलावा जूते और मोजे के साथ ही काले तिल का दान करना भी विशेष फलदाई माना जाता है.