वाराणसीःवाराणसी के 84 घाटों में से एक घाट के तेजी से विकास किया जा रहा है. इस घाट पर दो हेलीकॉप्टर एक साथ उतारे जा सकते हैं. इस घाट को अब नमों घाट के नाम से लोग जानेंगे. लोग अब आम बोलचाल की भाषा एवं अधिकारियों द्वारा भी नमों घाट नाम से बोला जा रहा है. इस घाट की अभी अधिकारी दस्तावेज में दर्ज नहीं किया गया है. घाट का विकास अहिल्याबाई होकर के बाद पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा किया जा रहा है. पीएम नरेन्द्र मोदी द्वारा काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनाया गया. जिससे गंगा से विश्वनाथ जी का सीधे जोड़ा गया है.
वाराणसी में गंगा के किनारे पीएम नरेन्द्र मोदी ने फावड़ा उठाकर और गलियों में झाड़ू लगाकर विकास और स्वच्छ काशी और स्वच्छ भारत के अभियान का बीड़ा उठाया था. पूर्व में भी गंगा के घाटों को बनाने वालों को उनकी क्रेडिट देने की परंपरा रही है. ऐसे में नमो घाट से पीएम मोदी का मां गंगा से और भी करीबी संबंध जुड़ जाएगा. हालांकि, दस्तावेजों में इसे पूरा होने में लंबा समय भी लगना तय है. प्रशासन की ओर से भी अभी सिर्फ चर्चाओं की ही जानकारी सामने आई है.
काशी में गंगा किनारे नमो घाट आकार ले रहा है. तीन स्कल्प्चर नमस्ते का आकार लिए मौजूद हैं. इनके अलावा चौथा स्कल्प्चर जल्द आकार लेगा जो इन तीनों से करीब तीन गुना तक बड़ा होगा. इसे देखकर लोग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सम्मान में नमो घाट पुकारने लगे हैं. प्रशासनिक कार्यवाही में भी इसे नमो घाट के नाम से ही कुछ दिनों से पुकारा जा रहा है, लिखा-पढ़ी यानी दस्तावेजों में अब तक नमो घाट का नाम नहीं है भाजपा पार्षद सुनील गुप्ता इस पर प्रस्ताव भी बना रहे हैं ताकि सदन में चर्चा कर नमो घाट का नाम दस्तावेज में दर्ज कराया जा सके.