वाराणसी:वाराणसी में समाजवादी पार्टी के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी समेत गठबंधन के तमाम नेताओं के साथ एक बड़ी जनसभा की.
सात मार्च को होने वाले चुनाव से पहले अखिलेश यादव और ममता बनर्जी की यह जोड़ी 2024 के चुनाव को लेकर काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि मंच से अखिलेश यादव ने एक तरफ जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर हमला बोलते हुए 2022 के चुनावों के बाद यूपी में सपा सरकार बनने का दावा किया तो वहीं ममता बनर्जी ने भी यह खुलकर बोला कि यदि 2022 के चुनाव में अखिलेश जीत रहे हैं तो 2024 में मोदी नहीं आएंगे.
बीजेपी संग इस बार होगा 'खेला', दोहराई जाएगी बंगाल की गाथा: ममता इस दौरान ममता बनर्जी ने कहा, 'कल बीजेपी वालों ने कहा ममता वापस जाओ. मैं डरपोक नहीं हूं. लड़ाकू हूं. मुझे बहुत डराया, गाली दी लेकिन मैं कभी डरी नहीं. कल भी मैं गाड़ी से उतरी और बोली देखती हूं, तुम क्या कर सकते हो लेकिन तुम डरपोक हो. जिन लोगों ने गाली दिया, उनका मैंनें धन्यवाद किया. जिसने मेरी गाड़ी में धक्का दिया, उसका भी धन्यवाद दिया क्योंकि भाजपा हार रही है'.
इस दौरान ममता बनर्जी ने अखिलेश यादव के समर्थन में सभा करते हुए मोदी योगी दोनों पर जमकर निशाना साधा. ममता ने मनसे फुटबॉल इस बार खेला होगा का नारा दिया. उन्होंने कहा कि बनारस आने के बाद वे यहां के घाटों पर गयी थीं. उन्हें काफ़ी अच्छा लगा. यहां सिर्फ़ तोड़फोड़ है, बाकी कुछ भी नहीं किया गया है.
उन्होंने कहा, 'विकास के नाम पर, मेरी गाड़ी पर डंडा मारा गया, काले झंडे दिखाए गए, तोड़फोड़ की गई. नारे लगाए गए कि वापस जाओ, तब मैंने सोचा ये बीजेपी तो गयी, बीजेपी हार रही हैं. ये तो इन हरकतों से तय है. मैं ये सब देखकर डरी नही, मैं डरपोक नही हूं. मैं भागने वाली नहीं हूं, मैं लड़ाकू हूं. अगर मेरे आने से बीजेपी डरती है तो मैं यहां एक बार नहीं, हजार बार आऊंगी डराने. इतना सस्ता जीत नहीं है इस बार. खेला होगा'.
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उन्होंने कहा कि क्या हम आपके यूपी में नही आ सकते? बनारस नहीं आ सकते? मथुरा, आजमगढ़, प्रयागराज कुंभ मेला, लखीमपुर खीरी क्या मैं इन सब जगहों पर नही आ सकती? आप सब भी तो हमारे गंगा सागर में आते हैं. आपके यहां के क़ई लोग हमारे पश्चिम बंगाल में रहते हैं. उनसे पूछिये वो बताएंगे, वहां की अच्छाई.
यूपी में एंटी रोमियो स्क्वायड बनाया. क्यों! यहां के छोटे भाई-बहनों को बेइज्जत करने के लिए यह सब किया गया? उनकी आजादी क्यों छीनी जा रही है. रूस यूक्रेन के युद्ध में फंसे भारतीयों को अभी तक मोदी सरकार वापस नहीं ले आ पाई, आपका ब्लादिमीर पुतिन के साथ अच्छा रिलेशन था. युद्ध शुरू होने के तीन महीने पहले आपको पता चल गया था सबकुछ. तो क्यों नहीं किया. भारतीय छात्रों को वापस नहीं लाया गया.
ममता ने कहा कि अखिलेश यादव आपके घर का बेटा है. जयंत चौधरी आपके घर का बेटा है. इनको जीताना है आपको या झूठे मोदी को जिताने है. ये तय आपको करना है. योगी तो नाम से जोगी है लेकिन काम से भोगी है. अखिलेश यादव जीतेंगे तो हम भी पश्चिम बंगाल से यूपी का रिलेशन अच्छा कर सभी कार्यो में सहयोग करेंगे.
ये लोग गांव-गांव जाकर बोलते हैं कि जिसका राशन खाया, उसको वोट दो, ये लोग एकबार राशन देकर एहसान जता रहे हैं. हमारी सरकार तो पूरा साल राशन देती हैं. बीजेपी को सभी जुमले वाली पार्टी कहते हैं. इनको निकालिए यहां से. ममता बनर्जी ने देशभक्ति का परिचय देते हुए ए मेरे वतन के लोगों जरा आंख में भर लो आंसू के अलावा सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना वाजुवे कातिल में है गाया.
ममता ने कहा की खेला इतना सस्ता नहीं है कि ये बीजेपी वाले जाति के नाम पर वोट खरीदेंगे. अब आप सब बताओ खेला होगा, बीजेपी के खिलाफ खेला होगा? अखिलेश यादव जीतेंगे, बीजेपी हारेगी. इसके बाद ममता बनर्जी ने अपने चिरपरिचित अंदाज में मंच से फुटबाल को जनता की तरफ उछालते हुए एक बार फिर नारेबाज़ी करते हुए जनता से अखिलेश यादव व सहयोगी गठबंधन के जितने की अपील की.
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मंच से जनसभा को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि भारत का लोकतंत्र खतरे में है. ये चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत का संविधान बचेगा या नहीं, यह कोई नहीं जानता. उन्होंने कहा, 'जो माहौल मैं यहा देख रहा हूं, इतने ऐतिहासिक समर्थन शायद कभी नहीं मिला होगा. बीजेपी के लोगों ने बनारस को क्योटो बनाने के लिए कहा था. इन्होंने बनारस में इतनी तोड़फोड़ कर दी कि बनारस के लोग इनका रस इसबार निकाल देंगे'.
इस दौरान अखिलेश यादव ने सिलेंडर की कीमतों, महंगाई, किसानों के मुद्दे और खाद आदि के विषय में भी योगी सरकार को घेरा. कहा कि कोरोनाकाल में गंगा में हजारों लाशें बही थीं. पिंडरा प्रत्याशी के समर्थन में उन्होंने जनता से वोट मांगा.