लखनऊ: महिलाओं में स्तन कैंसर न सिर्फ भारत में बल्कि पूरे विश्व में तेजी से फैल रहा है. महिलाओं को जागरूक करने के लिए राजधानी के कई अस्पताल स्तन कैंसर जागरूकता अभियान चलाते हैं ताकि महिलाएं स्तन कैंसर के बारे में समझ सके. स्तन कैंसर महिलाओं में सबसे आम कैंसर में से एक है. शुरुआती दौर में महिलाओं को इसके लक्षण भयानक नहीं लगते हैं. इसमें कैंसर कोशिकाएं स्तन के ऊतकों में बनती है और शरीर के किसी भी हिस्से में कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि कैंसर का प्रमुख कारण है.
डॉ. गीतिका सिंह ने ईटीवी भारत की टीम से खास बातचीत की कोशिकाएं शरीर की आवश्यकता के अनुसार अलग हो जाती है, लेकिन जब यह लगातार बढ़ती है तो, कैंसर का रूप ले लेती है. कोशिकाओं में निरंतर वृद्धि होती है और यह गांठ का रूप ले लेती है, जिसे ट्यूमर कहते हैं. स्तन कैंसर को महिलाएं मात दे सकती हैं, लेकिन जब वह पहले या दूसरे स्टेज पर हो. तीसरे स्टेज पर जाते ही यह कैंसर महिला को मौत तक ले जा सकता है.
वर्तमान समय में स्तन कैंसर के मुख्य कारण हमारी बदलती हुई जीवनशैली है. कैंसर बासी भोजन, अधिक मांस, मछली, अंडे और धूम्रपान का सेवन करने की वजह से होता है या फिर टेढ़े-मेढे बिस्तर पर सोने से भी स्तन कैंसर हो सकता है. दूध नलिका में अवरोध और चोट लगने पर इस कैंसर की संभावना होती है.
'ऑपरेशन के बाद अब सब कुछ ठीक'
केजीएमयू में स्तन कैंसर का ऑपरेशन करवा चुकी 53 वर्षीय संगीता ने बताया कि, ढाई साल से वह और उनके पति स्तन कैंसर के बीमारी से काफी परेशान थे, जिसके लिए उन्होंने कई अस्पतालों के चक्कर भी लगाएं, लेकिन इलाज के पैसे ज्यादा लगने के कारण ऑपरेशन नहीं करवा सकी. कुछ दिनों बाद उन्हें केजीएमयू के सर्जरी विभाग के बारे में पता चला. जहां भर्ती होकर उन्होंने कम पैसों में अपना ऑपरेशन करवाया. उन्होंने कहा कि "ऑपरेशन के पहले स्तनों में हल्का दर्द बना रहता था और निप्पल से तरल पदार्थ निकलता था, लेकिन ऑपरेशन हो जाने के बाद अब सब कुछ ठीक है" वह पहले की तरह ही अब जीना शुरू कर दी हैं.
किंग जॉर्ज मेडिकल चिकित्सालय के सर्जरी विभाग की स्तन कैंसर विशेषज्ञ डॉक्टर गीतिका सिंह ने बताया कि "भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में स्तन कैंसर से पीड़ित महिलाओं की संख्या बढ़ गई है. रोजाना एक से पांच केस स्तन कैंसर के अस्पताल में आते हैं और साल में तकरीबन दो से ढाई सौ तक स्तन कैंसर से पीड़ित महिलाएं अपना इलाज कराने विभाग में आती हैं." उन्होंने बताया कि "स्तन कैंसर पर रोक लगाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है जागरूकता. अगर, महिलाएं अपने स्वास्थ्य को लेकर सचेत और जागरूक रहें तो, वे स्तन कैंसर जैसी बीमारियों को मात दे सकती हैं." डॉक्टर ने बताया कि "स्तनपान कराने से स्तन कैंसर नहीं होता है. ये लोगों की गलतफहमी है और न ही टाइट अंडर गारमेंट या ब्लैक कलर का वियर पहनने से स्तन कैंसर होता है."
स्तन कैंसर को चरण 0, IA, IB, IIA, IIB, IIIA, IIIB, IIIC और चरण IV में वर्गीकृत किया गया है. हर एक चरण कैंसर के फैलाव को दर्शाता है, जहां अंतिम चरण मेटास्टेसिस को शरीर के अन्य भागों में दर्शाता है.
स्तन कैंसर के शुरुआती लक्षण और बचाव
शुरुआती लक्षण
- स्तन के आकार में बदलाव आना
- स्तन में गांठ का होना
- स्तन में सूजन होना
- निप्पल से पानी या खून का निकलना
- स्तन पर और निप्पल में खुजली होना
स्तन कैंसर से बचाव
- महिलाएं अपनी दिनचर्या में योग और एक्सरसाइज शामिल करें.
- खानपान का विशेष ध्यान रखें.
- धूम्रपान और नशीली दवाओं के सेवन से बचें.
- जन्म नियंत्रण की गोलियां खाने से बचें.
- 25 से 35 वर्ष की महिलाएं माहवारी के दस दिन बाद खुद से अपने स्तनों की जांच करें.
- 35 से 50 वर्ष की महिलाएं समय-समय पर डॉक्टर से अपना चेकअप कराएं. साथ ही अपना मैमोग्राफी कराएं.