पर्यटकों के लिए जल्द लॉन्च होगा काशी यात्रा एप. वाराणसीः अगर आप काशी आना चाहते हैं और आपको यह नहीं पता है कि यहां के प्रमुख मंदिर कौन से और कहां पर हैं तो परेशान होने की जरूरत नहीं है. क्योंकि अब एक क्लिक पर कौन सा मंदिर है, आपसे कितनी दूरी पर है, वहां तक जाने का रास्ता क्या है. इस काम को उत्तर प्रदेश सरकार के प्रयासों से पर्यटन विभाग पूरा करने जा रहा है. पर्यटन विभाग 'काशी यात्रा' ऐप लॉन्च करने जा रहा है. इसकी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. इस ऐप में मंदिरों के बारे में जानकारी और उसके इतिहास को भी बताया जाएगा.
मंदिरों की दूरी और उपयोगिता की जानकारी
पर्यटन उपनिदेशक आरके रावत ने बताया कि 'काशी में पंचकोशी यात्रा होती है. इसमें बहुत सारे मंदिर हैं. पांच पड़ाव हैं. इससे संबंधित जो भी मंदिर या बनारस की हैरिटेज स्मारक हैं, टूरिस्ट स्पॉट हैं और ऐसे बहुत से पुराने मंदिर हैं, जिनके बारे में जानकारी नहीं है. ऐसे में विभाग के माध्यम से हम एक ऐप बना रहे हैं, जिससे वाराणसी आने वाले टूरिस्ट्स को इसकी सुविधा मिल पाएगी. पर्यटक इस ऐप के माध्यम से कौन सा मंदिर कितनी दूरी पर है, उसकी उपयोगिता क्या है, उसका इतिहास क्या है ये सारी चीजें देख लेगा. ऐप में रोड मैप भी होगा. आने वाले समय में यह ऐप टूरिस्ट्स के लिए बहुत ही मददगार होगा. जल्द से जल्द हम इस ऐप को लॉन्च करेंगे.'
एप में मिलेगी बनारस के मंदिरों की जानकारी. मंदिरों की 3D इमेजिंग और वीडियो भी शामिलआरके रावत ने बताया कि 'इस परियोजना के लिए 1.80 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिल चुकी है. वाराणसी में स्थित मंदिरों का डाटा एकत्र किया जा चुका है. इसके साथ ही मंदिरों की थ्रीडी इमेजिंग और वीडियो भी तैयार कर लिया गया है. ऐप में डाटा फीडिंग का काम पूरा किया जा रहा है. वहीं, कॉरपोरेशन द्वारा मंदिरों के बारे में जुटाए गए तथ्यों का परीक्षण किया जा रहा है. इसके लिए मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने एक टीम गठित की है. इसमें BHU विज्ञान केंद्र, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र और संस्कृति विभाग से रिपोर्ट मांगी गई है. उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कॉरपोरेशन तीन साल तक इस ऐप की देखभाल करता रहेगा.' चार भाषाओं में ऐप में मिलेगी जानकारीपर्यटन विभाग के अधिकारी ने बताया कि ऐप हिन्दी, अंग्रेजी, तमिल और तेलुगू भाषा में रहेगा. इससे साउथ से आने वाले पर्यटकों को यहां के बारे में जानने में आसानी रहेगी. इसके साथ ही ऐप में मंदिर के ऐतिहासिक, पौराणिक, भौगोलिक महत्व की जानकारी भी दी जाएगी. इसके साथ ही यह भी बताया जाएगा कि कौन से मंदिर में किस तरह से दर्शन-पूजन की प्रक्रिया की जाती है. उन्होंने बताया कि ऐप में पावनपथ, पंचकोशी यात्रा से जुड़े मंदिरों की भी जानकारी दी जाएगी. उन मंदिरों की स्थिति, लोकेशन और रास्ते हर एक चीज के बारे में बताया जाएगा. इस ऐप की लॉन्चिंग काशी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर सकते हैं. पंचकोशी मार्ग के मंदिरों की भी होगी जानकारीपर्यटन उपनिदेशक आरके रावत ने बताया कि विभाग द्वारा तैयार किए जा रहे ऐप में काशी के कई मंदिरों की जानकारी दी जाएगी. पंचकोशी परिक्रमा में मिलने वाले पड़ाव कर्टमेश्वर मंदिर कटवा (पहला पड़ाव), भीमचंडी मंदिर (दूसरा प़ड़ाव), रामेश्वर महादेव मंदिर (तीसरा पड़ाव), अष्टभुजा व शिवमंदिर (शिवपुर) चौथा पड़ाव होगा. वहीं पावन पथ यात्रा में 10 परिपथ होंगे, जिनमें अष्ट प्रधान विनायक, अष्ट विनायक, नवदुर्गा यात्रा, काशी के चार धाम, द्वादश ज्योतिर्लिंग, नौ गौरी, द्वादश आदित्य यात्रा और काशी के विष्णु होंगे. इसमें कुल 515 मंदिरों का इतिहास शामिल होगा. प्रमुख रूप से 3 खंड की यात्रा में 75 मंदिर विश्वेश्वर खंड, 125 मंदिर केदारनाथ खंड और 105 मंदिर ओमकारेश्वर खंड के होंगे. बीते 9 साल में काशी की हुई जबरदस्त ब्रांडिंगबता दें कि वाराणसी में योगी और केंद्र की मोदी सरकार लगातार विकास के नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है. काशी में सबसे अधिक काम पर्यटन की स्थिति को सुधारने के लिए किए गए हैं. इसी का ही परिणाम है कि आज रिटेल कारोबारियों का कारोबार बम-बम बोल रहा है. हर साल जहां 1 से 2 करोड़ पर्यटक वाराणसी आते थे. वहीं अब हर साल 8 करोड़ पर्यटक वाराणसी घूमने के लिए आ रहे हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह है कि बीते 9 साल में वाराणसी की जबरदस्त ब्रांडिंग हुई है. इस दौरान न सिर्फ श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बना है बल्कि पार्किंग, सड़कें और घाटों का नवीनीकरण और नवनिर्माण भी हुआ है. ऐसे में पर्यटकों को यह काफी आकर्षित कर रहा है. वाराणसी भ्रमण को और सुलभ बनाने के लिए सरकार ऐप लॉन्च कर रही है.