वाराणसी:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ और डिजिटल दुनिया के हाथ में काशी के काष्ठ कला को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिला दी है. यूं तो की यहां की काष्ठ कला को पूरे विश्व में जाना जाता है. लेकिन डिजिटल प्लेटफॉर्म ने इस कला को एक नई सौगात दी है और वह सौगात है- बढ़ते व्यापार की. जहां अब आसानी से सात समंदर पार से भी ऑर्डर मिल जाते हैं और काशी के व्यापारी इनका निर्यात कर आसानी से अपने व्यापार को आगे बढ़ा रहे हैं. खास बात यह है कि इस सुविधा से व्यापारियों के साथ कारीगरों को भी खासा लाभ मिल रहा है.
बता दें कि कोरोना काल में यह लकड़ी के खिलौने जहां बच्चों के चेहरे पर मुस्कान बिखेर रही थी, तो वहीं लोगों के घर की शोभा बढ़ा भी रही थी. इसके बाद टॉय फेस्टिवल के साथ ने इस कला को एक नया आयाम दिया, जिसके बाद काशी के शिल्पियों ने इसे विदेशों तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया. चूंकि लॉक डाउन में तीर्थयात्रियों, पर्यटकों का आना काशी में ना के बराबर था. ऐसे में इन शिल्पियों ने डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए इस कारोबार को शुरू किया, जिसके परिणाम बेहद सकारात्मक मिले. पहले जिन ऑर्डरों को पसंद कराने और भेजने में महीनों लग जाते थे, उसे अब डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए पसंद कराते हुए निर्यात कर दिए जाते हैं.
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