वाराणसी: महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ, विश्वविद्यालय यूजीसी यूनिट और राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वावधान में नई शिक्षा नीति विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी और अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया. यहां नई शिक्षा नीति पर चर्चा के साथ विश्व के श्रेष्ठ वैज्ञानिकों में अपना स्थान बनाने पर कुलपति प्रोफेसर टीएन सिंह को सम्मानित किया गया.
सतत आकलन और मूल्यांकन है आवश्यक
आयोजन कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता विद्यापीठ के कुलपति प्रोफेसर टीएन सिंह ने कहा कि कोई शिक्षा नीति अकादमी प्रक्रिया और गौरवपूर्ण उपलब्धि तब तक हासिल करना नामुमकिन है, जब तक सतत आकलन और मूल्यांकन से कोई अवधारणा न गुजरे. उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति निर्माण प्रक्रिया का आकलन और मूल्यांकन भारत के 676 जिले और 6600 ब्लॉक के ढाई लाख लोगों ने किया. परिणाम यह हुआ कि नई शिक्षा नीति के रूप में राष्ट्र निर्माण हेतु एक बेहतरीन अभियान हासिल हुआ. उन्होंने वर्तमान में इसकी उपयोगिता एवं महत्व पर प्रकाश डाला.
नई शिक्षा नीति देश के विकास का मार्ग करेगी प्रशस्त
मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति से देश और युवा दोनों विकसित होगा और यह विकास का एक बेहतरीन मार्ग भी प्रशस्त करेगा. वहीं स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा जारी की गई एकेडमिक रैंकिंग ऑफ वर्ल्ड में विश्व के श्रेष्ठ वैज्ञानिकों में शामिल किए जाने पर अपनी खुशी प्रकट करते हुए इसका श्रेय विश्वविद्यालय को दिया. उन्होंने कहा कि हमारे कुलगीत में भी ऐसा विदित है कि जो भी व्यक्ति विद्या के पीठ में आता है. वह सदैव बेहतर करने की सोच रखता है और यही वजह है कि मैं भी कुछ बेहतर कर रहा हूं.
मूल्यांकन व्यक्ति को बनाता है प्रखर: प्रोफेसर टीएन सिंह
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रोफेसर टीएन सिंह को सम्मानित किया गया है. यह सम्मान उन्हें स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की तरफ से जारी एकेडमिक रैंकिंग ऑफ वर्ल्ड में विश्व के श्रेष्ठ वैज्ञानिकों में स्थान बनाने को लेकर किया गया. इस मौके पर प्रोफेसर टीएन सिंह ने कहा कि मूल्यांकन व्यक्ति को प्रखर बनाता है.
काशी विद्यापीठ के कुलपति को किया गया सम्मानित.
बता दें कि काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रोफेसर टीएन सिंह को स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा जारी की गई एकेडमिक रैंकिंग ऑफ वर्ल्ड में विश्व के श्रेष्ठ वैज्ञानिकों में शामिल किया गया है, जिसको लेकर विश्वविद्यालय परिसर में अभिनंदन समारोह का आयोजन कर उनको सम्मानित किया गया.