वाराणसीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस को दक्षिण भारत के साथ जोड़कर उत्तर और दक्षिण के रिश्तों को मजबूत करने का बीजेपी का मास्टर प्लान धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है. पहले काशी तमिल संगमम के आयोजन से तमिल भाषी लोगों को काशी के जरिए अट्रैक्ट करने की कोशिश की गई. वहीं, अब 12 दिनों तक चलने वाले काशी तेलुगू संगमम की तैयारी भी शुरू हो गई है. जिसका आयोजन 29 अप्रैल की शाम 6:00 बजे वाराणसी के मानसरोवर घाट पर होगा.
इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी मौजूदगी होगी, लेकिन वर्चुअल तरीके से तरह-तरह के आयोजनों के साथ इस संगमम को करने का मकसद सिर्फ और सिर्फ चुनावी साल में राजनैतिक फायदा लेना माना जा सकता है. वहीं, बीजेपी के नेता इससे इंकार कर रहे हैं और उनका कहना है राजनीति नहीं, बल्कि धर्म, आस्था और विश्वास को मजबूत करने के लिए का आयोजन काशी से दक्षिण के रिश्ते को और भी ज्यादा मजबूत करने का एक प्रयास है.
इस पूरे आयोजन को लेकर बीजेपी से राज्यसभा सांसद जीवीएल नरसिम्हा राव ने बताया कि 29 अप्रैल को गंगा पुष्कर मेले में आए तीर्थयात्रियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधित करेंगे. शाम 6:00 बजे से रात 9:00 बजे तक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा, जिसे काशी तेलुगू संगमम नाम दिया गया है. उन्होंने बताया कि एक भारत श्रेष्ठ भारत की कल्पना के साथ इस आयोजन को करने का मकसद सभी को एकजुट करना है, जिस तरह से काशी से दक्षिण भारत का रिश्ता बेहद पुराना है. इस संबंध को और भी मजबूत करने की दिशा में पहल शुरू की जा रही है.