वाराणसीः काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राकेश भटनागर का कार्यकाल पूरा होने पर विदाई समारोह आयोजित किया गया. कुलपति ने तीन साल का कार्यकाल पूरा होने पर रेक्टर प्रो. वी. के. शुक्ला को कार्यभार सौंपा. इस अवसर पर विश्वविद्यालय परिवार के सदस्यों ने कुलपति प्रो. भटनागर के कार्यकाल की उपलब्धियों को याद किया और उन्हें बधाई दी. रेक्टर प्रो. वी. के. शुक्ला ने प्रो. राकेश भटनागर के कार्यकाल में विश्वविद्यालय में शिक्षण व शोध की दिशा में उठाए गए अनेक कदमों की चर्चा किया.
बीएचयू के 27वें कुलपति थे प्रो. भटनागर
11 जुलाई 1951 को जन्मे प्रो. राकेश भटनागर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के 27वें कुलपति रहे. प्रो. भटनागर ने अपने विदाई समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि सबके सहयोग व समर्थन से ही वे विश्वविद्यालय के विकास की दिशा में कार्य कर पाए. उन्होंने कहा कि महामना पंडित मदन मोहन मालवीय द्वारा स्थापित इस महान विश्वविद्यालय की सेवा करना उनके लिए अत्यंत गौरव की बात है. महामना की प्रेरणा से उन्होंने सदैव विश्वविद्यालय व छात्रों के हित को आगे रखकर कार्य किया. विदाई समारोह में विभिन्न संस्थानों के निदेशक, संकाय प्रमुख, विभागाध्यक्ष, विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी परिषद् के सदस्य, विश्वविद्यालय कोर्ट के सदस्य, विश्वविद्यालय के अधिकारी व कर्मचारीगण उपस्थित रहे. कार्यक्रम में उपस्थित विश्वविद्यालय परिवार के सदस्यों ने प्रो. राकेश भटनागर के नेतृत्व, योगदान व कार्यशैली को न सिर्फ प्रोत्साहित करने वाला बताया. कार्यक्रम का संचालन संयुक्त कुलसचिव डॉ. सुनीता चंन्द्रा एवं धन्यवाद प्रस्ताव वित्ताधिकारी अभय ठाकुर ने प्रेषित किया.
कुलपति पर कई बार लगे आरोप
काशी हिंदू विश्वविद्यालय में नियुक्ति को लेकर कुलपति प्रोफेसर राकेश भटनागर पर कई बार अभ्यर्थियों और छात्रों द्वारा आरोप लगाए गए. जिसमें हिंदी भाषी छात्र का मुद्दा काफी चर्चा में रहा. छात्र का आरोप था कि मुझे हिंदी बोलने पर इंटरव्यू से वंचित किया गया. जिसे लेकर छात्रों ने बड़ा आंदोलन किया और पूरे शहर में पोस्टर लगा कर कुलपति को हिंदी विरोधी बताया था. उसके बाद एक छात्र से बात करने के दौरान कुलपति ने महामना को आम के वृक्ष लगाने की जगह पैसे की वृक्ष लगाने की बात कही. यह ऑडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. संस्कृत धर्म विज्ञान संकाय में मुस्लिम प्रोफेसर की नियुक्ति भी चर्चा का विषय बना रहा.