वाराणसीः हिंदू विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा के लिए विदेशी विद्यार्थियों के पंसदीदा संस्थानों में से एक है. शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए इस बार 312 अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है. ऐसा पहली बार हुआ है, जब विश्वविद्यालय में विदेशी छात्रों के प्रवेश का आंकड़ा 300 के पार पंहुचा है. इन छात्रों के एडमिशन लेने के साथ ही मौजूदा समय में विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों की संख्या 734 हो गई है. इनमें कुल 49 देशों के विद्यार्थी शामिल हैं. यह अब तक की सबसे अधिक संख्या है. इस बार प्रवेश लेने वालों में सबसे अधिक 155 विद्यार्थी नेपाल से हैं, जबकि बांग्लादेश से 85 विद्यार्थियों ने नामांकन कराया है.
रिकॉर्ड तोड़ अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों ने लिया एडमिशन
वाराणसी स्थित काशी हिंदू विश्वविद्यालय को शिक्षा की राजधानी कहा जाता है. ऐसा सिर्फ कहा ही नहीं जाता बल्कि देखने को भी मिल रहा है. इस बार विश्वविद्यालय में हुए विदेशी विद्यार्थियों के एडमिशन ने इस बात को साबित कर दिया है. विश्वविद्यालय कैंपस में रिकॉर्ड तोड़ अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों ने एडमिशन लिया है. अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों को आकर्षित करने के लिए काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने कई पहल और प्रयास किए हैं. इसी के चलते अंतरराष्ट्रीय एडमिशन में इजाफा देखने को मिला है. कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने इस बारे में बताया कि अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के बीच विश्वविद्यालय को पहचान मिली है.
नेपाल और बांग्लादेश के विद्यार्थी बीएचयू आए
अंतरराष्ट्रीय केंद्र के समन्वयक प्रो. एसवीएस. राजू ने बताया कि नए एडमिशन लेने वाले विद्यार्थियों में 172 स्नातक, 112 विद्यार्थी ने स्नातकोत्तर, 16 विद्यार्थियों ने पीएचडी पाठ्यक्रम और 12 विद्यार्थियों ने प्रमाण पत्र अथवा डिप्लोमा कोर्सेस में प्रवेश लिया है. इन में से 253 विद्यार्थियों ने स्व-वित्तपोषित श्रेणी, 49 विद्यार्थियों ने भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद्, 4 विद्यार्थियों ने एजुकेशन काउंसिल ऑफ इंडिया तथा 6 विद्यार्थियों ने स्टडी इन इंडिया प्रोग्राम के तहत एडमिशन लिया है. उन्होंने बताया कि इस बार प्रवेश लेने वालों में सबसे अधिक 155 विद्यार्थी नेपाल से हैं, जबकि बांग्लादेश से 85 विद्यार्थियों ने नामांकन कराया है. श्रीलंका से 11 और म्यांमार के 10 विद्यार्थियों ने एडमिशन लिया है.
अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के लिए छात्रावास
प्रोफेसर राजू ने बताया कि शैक्षणिक सत्र 2023-24 में दुनिया के 30 देशों से अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों ने बीएचयू को उच्च शिक्षा के लिए चुना है. वर्तमान में काशी हिंदू विश्वविद्यालय में तकरीबन 600 अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के लिए छात्रावास की सुविधा है. छात्राओं के लिए निर्माणाधीन अंतरराष्ट्रीय छात्रावास के तैयार होने के बाद ये क्षमता 400 और बढ़ जाएगी. उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय ने अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के प्रवेश की प्रक्रिया को भी और अधिक प्रभावी व सुगम बनाया है. बीएचयू का अंतरराष्ट्रीय केंद्र प्रवेशार्थियों और विद्यार्थियों की समस्याओं व चुनौतियों के निराकरण में सक्रियता से जुटा रहता है.
अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के बीच काफी पहचान मिली
कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने कहा कि 'विद्यार्थियों के लिए बेहतर सुविधाओं की उपलब्धता पर विश्वविद्यालय प्रशासन विशेष ध्यान दे रहा है. इसके लिए अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के लिए छात्रावास क्षमता को काफी बढ़ाया जा रहा है. सभी अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति से भी विश्वविद्यालय को अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के बीच काफी पहचान मिली है. 'वहीं प्रो. एसवीएस. राजू ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के प्रवेश को गति देने के लिए काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने भारत सरकार की पहल "एजुकेशन काउंसिल ऑफ इंडिया" तथा "स्टडी इन इंडिया प्रोग्राम" के साथ सहमति पर हस्ताक्षर किये हैं. नई शिक्षा नीति 2020 में भारतीय उच्च शिक्षण संस्थानों के अंतरराष्ट्रीयकरण पर विशेष जोर दिया गया है.
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