काशी को नए साल पर पर्यटन विभाग एयर टैक्सी सेवा की सौगात देने जा रहा है. वाराणसी :काशी में पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सुविधाओं के विस्तार पर जोर दिया जा रहा है. पर्यटन विभाग एयर टैक्सी सुविधा की शुरुआत करने जा रहा है. आगरा और मथुरा की तर्ज पर यह सेवा शुरू की जाएगी. उम्मीद है कि नए साल पर काशीवासियों को यह तोहफा मिल जाएगा. एयर टैक्सी सेवा के जरिए पर्यटक न सिर्फ वाराणसी घूम सकेंगे, बल्कि अयोध्या, प्रयागराज और विंध्यवासिनी दरबार दर्शन के लिए भी जा सकेंगे. पर्यटन विभाग इस सेवा को पीपीटी मॉडल पर शुरू करने जा रहा है. आइए जानते हैं क्या है पूरा प्लान.
वाराणसी में रोज आते हैं लाखों पर्यटक
विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद काशी पर्यटन के क्षेत्र में हब बनने की ओर अग्रसर है. यहां हर रोज लाखों पर्यटक आ रहे हैं. इसके मद्देनजर यहां पर्यटन सुविधाओं को भी विकसित किया जा रहा है. घाटों से लेकर मंदिरों तक, नदी से लेकर फूड स्टॉल तक, होटलों तक को नए कलेवर में ढाला जा रहा है. हर वो प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे पर्यटकों का रुझान वाराणसी की तरफ और बढ़े. इसी क्रम में ही एक बड़ा प्रयास है एयर टैक्सी की शुरुआत. इसके शुरु होने से न सिर्फ वाराणसी के लोगों को लाभ मिलेगा, बल्कि आसपास के जिलों के लोगों को भी फायदा मिलने वाला है.
एयर टैक्सी के माध्यम से बढ़ाई जाएगी कनेक्टिविटी
इस बारे में वाराणसी के पर्यटन उपनिदेशक आरके रावत कहते हैं, वाराणसी में लाखों की संख्या में रोजाना पर्यटक आ रहे हैं. यहां के मंदिरों और घाटों को घूमने के लिए वाराणसी ही नहीं बल्कि देश-विदेश के लोग भी आते हैं. ऐसे में हमने ये प्लान किया कि काशी घुमाने के लिए एयर टैक्सी की शुरुआत की जाए. इसके साथ ही इसके आसपास के जितने भी धार्मिक स्थल हैं उनसे कनेक्टिविटी बढ़ाई जाए. वे बताते हैं कि बनारस से सटे जिलों में अयोध्या और प्रयागराज आते हैं. ये भी धार्मिक स्थल की दृष्टि से अपना अलग महत्व रखते हैं. वहीं विंध्यवासिनी धाम भी है. हम इन सभी स्थलों को बनारस से कनेक्ट करने जा रहे हैं.
एयर टैक्सी के लिए तैयार हुआ हेलीपैड
पर्यटन अधिकारी बताते हैं, आगरा-मथुरा की तर्ज पर वाराणसी में भी एयर टैक्सी की शुरुआत की जाएगी. इसे शुरू करने में लगभग डेढ़ महीने का वक्त और लग सकता है. इसे पीपीपी मॉडल पर संचालित किए जाने की योजना है. इसके साथ ही एयर टैक्सी चलाने के लिए हेलीपैड तैयार कर लिया गया है. हमारी योजना थी कि हेलीपैड ऐसी जगह पर तैयार किया जाए जो जल, थल, नभ से जुड़ता हो. नमो घाट पर एक हेलीपैड तैयार हो चुका है. इसका प्रयोग इस सेवा के लिए किया जाएगा. यहां से पर्यटकों को काशी दर्शन कराने के साथ अयोध्या, प्रयागराज, विंध्यवासिनी धाम सहित आसपास के धार्मिक पर्यटन क्षेत्रों तक जाने का मौका मिलेगा. एक शुल्क देकर वे इसका लाभ उठा सकेंगे. एयर टैक्सी के लिए पैकेज बनाया जाएगा.
योजनाओं में निवेश का रास्ता खोला
वाराणसी, अयोध्या, प्रयागराज, मथुरा, नैमिषारण्य विंध्य धाम को विश्व पटल पर पहचान दिलाने के लिए प्रदेश सरकार कई बड़ी सुविधाएं चला रही है. सरकार ने योजनाओं को तैयार कर इसमें निवेश के लिए भी रास्ता खोल दिया है. ऐसे में उद्योगपति पर्यटन के क्षेत्र में काम करने के लिए आ सकते हैं. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के बड़े धार्मिक स्थलों में शामिल मथुरा, काशी, अयोध्या और प्रयागराज को लेकर तैयारी चल रही है. जहां पर नए निर्माण के साथ ही नवीनीकरण का भी काम किया जा रहा है. मथुरा में भी कॉरिडोर बनाया जाना है. वहीं प्रयागराज का कुंभ अब विश्व विख्यात हो रहा है.
काशी से मथुरा और काशी से अयोध्या तक
वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर बनने के बाद से यहां पर पर्यटकों के आने की संख्या में कई गुना बढ़ोतरी हुई है. वहीं अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बनने के बाद यहां भी देश व विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं और पर्यटकों के आने का अनुमान है. ऐसे ही विंध्य धाम का निर्माण किया जा रहा है और प्रयागराज के कुंभ को भव्य बनाया जा रहा है. काशी से मथुरा के लिए भी कनेक्टिविटी बढ़ाई जाएगी. ऐसे लोग जो काशी से अयोध्या या काशी से प्रयागराज और काशी से मथुरा का सफर करना चाहते हैं, उन्हें एयर टैक्सी की सुविधा आसानी से मिल सकेगी. साथ ही इस सुविधा को ऋषि मुनियों की तपोस्थली नैमिषारण्य से भी कनेक्ट करने की तैयारी है.
हेलीपोर्ट विकसित करने के लिए जमीनों की व्यवस्था
जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश सरकार के प्रमुख धार्मिक स्थलों काशी, मथुरा, अयोध्या में पीपीपी मोड पर हेलीपोर्ट को विकसित कर रही है. वाराणसी के डोमरी में पर्यटन विभाग की 31,590 वर्ग मीटर जमीन, अयोध्या में चौधरी चरण सिंह घाट के पास स्थित पर्यटन विभाग की 3600 वर्ग मीटर जमीन और नैमिषारण्य धाम के लिए मिश्रिख-नीमसार सीतापुर स्थित पर्यटन विभाग की 20 हजार वर्ग मीटर जमीन इसके लिए उपलब्ध कराई जा रही है. इन सभी जगहों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने का प्लान सरकार ने तैयार कर लिया है. ऐसे में इनके बन जाने से पर्यटकों की संख्या में और भी इजाफा देखने को मिलेगा.
काशी से अयोध्या का सफर सिर्फ 50 मिनट में
पर्यटन उपनिदेशक आरके रावत के मुताबिक जल, थल और नभ से जुड़ने वाला हेलीपैड तैयार किया जाना था. ऐसे में वाराणसी के नमो घाट पर लगभग तैयार हेलीपैड तीनों ही तरह की कनेक्टिविटी से लैस है. यह एयर टैक्सी के लिए सबसे सुरक्षित और महत्वपूर्ण हेलीपैड माना जा रहा है. उम्मीद जताई जा रही है कि 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले काशी से अयोध्या की हेलीकॉप्टर सेवा शुरू हो जाएगी. दोनों शहरों के बीच लगभग 220 किलोमीटर की यह दूरी लगभग 50 मिनट में ही तय हो जाएगी. नमो घाट पर दो हेलीपैड बनाए गए हैं, जिन्हें इन्हें लगभग 30 दिसंबर तक अंतिम रूप दिया जाना है.
यह भी पढ़ें : श्री काशी विश्वनाथ दरबार के दर्शन का बड़ा रिकार्ड, दो साल में 12.92 करोड़ भक्तों ने शीश नवाए, 16 हजार विदेशी भक्तों ने भी किए दर्शन
यह भी पढ़ें : काशी विश्वनाथ मंदिर : मंगला आरती के लिए अब सिर्फ ऑनलाइन टिकट, विशेष परिस्थितियों में ही मिलेगा विंडो टिकट