वाराणसी: शुक्रवार को देर रात धर्म सम्राट करपात्री जी महाराज की 112वीं जयंती के अवसर पर भजन सम्राट अनूप जलोटा ने अपने भजनों की प्रस्तुति से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. करपात्री जी की जयंती के अवसर पर दुर्गाकुंड स्थित धर्म संघ में आठ दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है.
करपात्री जी महाराज के प्राकट्य महोत्सव में अनूप जलोटा ने बहाई सुरों की गंगा - दुर्गाकुंड वाराणसी
काशी में धर्म सम्राट करपात्री जी महाराज की 112वीं जयंती का आयोजन किया गया. इस मौके पर भजन सम्राट अनूप जलोटा कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे और अपने भजनों की प्रस्तुति कर श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया.
![करपात्री जी महाराज के प्राकट्य महोत्सव में अनूप जलोटा ने बहाई सुरों की गंगा](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-4025080-thumbnail-3x2-image---copy---copy.jpg)
भजन सम्राट अनूप जलोटा ने पेश की भजन प्रस्तुति
- भजन सम्राट अनूप जलोटा जैसे ही मंच पर पहुंचे, श्रोताओं ने हर-हर महादेव उद्घोष के साथ स्वागत किया.
- अनूप जलोटा ने भजन की शुरुआत अपने सुप्रसिद्ध भजन " ऐसी लागी लगन मीरा हो गई मगन" से की.
- भजन सुनकर श्रोताओं ने तालियां बजाकर अनूप जलोटा का उत्साहवर्धन किया.
- कार्यक्रम में अनूप जलोटा भी अपने संगत कलाकार के साथ ताल से ताल मिलाते नजर आए और एक से एक शानदार जुगलबंदी प्रस्तुत की.
अनूप जलोटा ने 'कौन कहता है भगवान सुनते नहीं' प्रस्तुत किया तो वहीं भक्त भी अनूप जलोटा के साथ इस भजन को दोहराते नजर आए. 'राम नाम की लूट है लूट सके तो लूट लो' सुनाकर खूब तालियां बटोरी. इसके अलावा उन्होंने 'क्रोध न छोड़ा, झूठ ना छोड़ा, सत्य का वचन क्यों छोड़ दिया' प्रस्तुत किया. 'जय गोविंद जय गोपाला जय जय' भजन प्रस्तुत कर सभी लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया. वहीं देर रात उन्होंने 'प्रभू जी चंदन हम पानी जैसे जलते हुए तन को मिल जाए तरुवर की छाया' आदि भजनों को प्रस्तुत कर धर्म सम्राट स्वामी करपात्री जी महाराज को अपने स्वरों से श्रद्धांजलि अर्पित की.