वाराणसी: बक्सर और फिर गाजीपुर के पारा और गहमर गंगा के घाटों पर लाशों के मिलने का सिलसिला लगातार जारी है. ईटीवी भारत इस पूरे मामले की पड़ताल अपने स्तर पर अलग-अलग तरीके से कर रहा है. इन सबके बीच जब इन लाशों के किसी संप्रदाय विशेष या धर्म विशेष के होने की चर्चा शुरू हुई तो इस दिशा में भी पड़ताल जरूरी हो गई. लाशों को कबीरपंथियों या फिर अन्य संप्रदाय के लोगों से जोड़कर बताए जाने पर कबीर संप्रदाय के जानकारों से बातचीत की गई. कबीर पंथ के संप्रदाय की परंपरा और क्या वास्तव में यह लाशें सिर्फ कबीर पंथ से जुड़े लोगों की हो सकती हैं. इस पर कबीर संप्रदाय के जानकारों ने अपनी जानकारी दी.
डीएम ने भी माना हो सकता है ऐसा
बक्सर के बाद गाजीपुर और बिहार से सटे बॉर्डर पर गंगा किनारे लगातार लाशों के मिलने का सिलसिला जारी है. इसके लिए गाजीपुर के जिलाधिकारी एमपी सिंह ने इस पूरे प्रकरण की जांच शुरू करवा दी है. इसमें एक एसडीएम समेत एसपी ग्रामीण और सीओ को जांच के लिए लगाया गया है. जिलाधिकारी का कहना है कि जो भी लाशें मिली हैं, उनका विधिवत अंतिम संस्कार संपन्न कराया जा रहा है. यह किसकी है यह तो नहीं पता, लेकिन अब तक जांच में यह बातें सामने आई हैं. किसी संप्रदाय विशेष के लोगों के द्वारा शवों को जलाने या अधजले शवों को गंगा में बहाये जाने की परंपरा कुछ गांव में निभाई जाती है, लेकिन यह जरूरी है कि परंपरा के नाम पर किसी की सेहत से खिलवाड़ या कोई भी गलत कार्य नहीं होना चाहिए. इसकी निगरानी करते हुए इस पर रोक लगाने की कार्रवाई भी की जाएगी.