उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

जल निगम ठेकेदार संघर्ष समिति का धरना, सौंपा ज्ञापन

By

Published : Nov 30, 2021, 3:31 PM IST

जल निगम ठेकेदार संघर्ष समिति ने अपनी मांगों के समर्थन में धरना दिया. संघर्ष समिति का आरोप है कि सरकार की गलत नीति की वजह से राज्य के करीब 40 हजार ठेकेदार और उनसे जुड़े लाखों कुशल/अकुशल श्रमिक बेरोजगार हो गये हैं.

जल निगम ठेकेदार संघर्ष समिति
जल निगम ठेकेदार संघर्ष समिति

वाराणसी : जल निगम ठेकेदार संघर्ष समिति ने अपनी मांगों के समर्थन में एक दिवसीय सांकेतिक धरना दिया. प्रशासन से अनुमति नहीं मिलने की वजह से समिति ने उत्तर प्रदेश जल निगम कार्यालय कैंपस में धरना दिया. संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा है.

जल निगम ठेकेदार संघर्ष समिति की तरफ से कई मांगें रखी गयी हैं. जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण इलाकों में गांव-गांव पाइप से नल के जरिए जलापूर्ति के लिए बड़ी कंपनियों को जिलेवार काम दे दिया गया है. संघर्ष समिति का कहना है कि इससे प्रदेश के करीब 40 हजार ठेकेदार और उनसे जुड़े लाखों कुशल/अकुशल श्रमिक बेरोजगार हो गये हैं.

ठेकेदार संघर्ष समिति का कहना है कि जल जीवन मिशन के सभी कार्य बड़ी कंपनी को विभागीय दर से करीब 40 फीसदी से अधिक दर पर दे दिया गया है. पूर्व में स्थानीय ठेकेदारों ने जो निविदाएं डाली थीं, वो प्रतिस्पर्धा के कारण विभागीय दर से करीब 7 से 10 फीसदी तक कम दरों पर थीं. उन्होंने आरोप लगाया कि कई बड़ी कंपनियों को ही एस्टीमेट बनाने का और कार्य कराने से अनुमानित लागत से करीब 30 से 40 फीसदी तक अधिक का प्राक्कलन बनाया गया है. स्थानीय ठेकेदारों से काम कराया गया होता तो ये विभागीय दर से प्रतिस्पर्धा करते, जिससे सरकार को बचत होती.

इसे भी पढ़ें- वाराणसी: मैनहोल में फंसे मजदूर की मौत, 18 घंटे बाद मिला शव

पिछले पांच वर्षों से वर्ल्ड बैंक और अन्य ग्रामीण पेयजल योजना के तहत समूह ग्राम एवं एकल ग्राम योजनाओं की निविदा स्थानीय ठेकेदार की तरफ से 5 से 10 प्रतिशत तक कम दरों पर प्राप्त कर समय पर पूरा कर हस्तांतरित भी कराया जा चुका है. जल जीवन मिशन के अंतर्गत ग्रामीण पेयजल योजनाएं वाराणसी जनपद के सैकड़ों गांवों की योजना है. अगर सभी गांवों में अलग-अलग निविदा की जाती है तो इससे स्थानीय ठेकेदार भी सम्मिलित होकर स्वस्थ प्रतिस्पर्धा करेंगे. इससे विभाग और सरकार को करोड़ों रुपये की धनराशि की बचत होगी. समिति ने आरोप लगाया कि सरकार की गलत नीतियों के चलते सभी कार्य बड़ी कंपनियों को दे दिया गया है, इससे ठेकेदारों और मजदूरों के सामने जीवन-यापन का कोई विकल्प नहीं बचा है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ABOUT THE AUTHOR

...view details