वाराणसी : जल निगम ठेकेदार संघर्ष समिति ने अपनी मांगों के समर्थन में एक दिवसीय सांकेतिक धरना दिया. प्रशासन से अनुमति नहीं मिलने की वजह से समिति ने उत्तर प्रदेश जल निगम कार्यालय कैंपस में धरना दिया. संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा है.
जल निगम ठेकेदार संघर्ष समिति की तरफ से कई मांगें रखी गयी हैं. जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण इलाकों में गांव-गांव पाइप से नल के जरिए जलापूर्ति के लिए बड़ी कंपनियों को जिलेवार काम दे दिया गया है. संघर्ष समिति का कहना है कि इससे प्रदेश के करीब 40 हजार ठेकेदार और उनसे जुड़े लाखों कुशल/अकुशल श्रमिक बेरोजगार हो गये हैं.
ठेकेदार संघर्ष समिति का कहना है कि जल जीवन मिशन के सभी कार्य बड़ी कंपनी को विभागीय दर से करीब 40 फीसदी से अधिक दर पर दे दिया गया है. पूर्व में स्थानीय ठेकेदारों ने जो निविदाएं डाली थीं, वो प्रतिस्पर्धा के कारण विभागीय दर से करीब 7 से 10 फीसदी तक कम दरों पर थीं. उन्होंने आरोप लगाया कि कई बड़ी कंपनियों को ही एस्टीमेट बनाने का और कार्य कराने से अनुमानित लागत से करीब 30 से 40 फीसदी तक अधिक का प्राक्कलन बनाया गया है. स्थानीय ठेकेदारों से काम कराया गया होता तो ये विभागीय दर से प्रतिस्पर्धा करते, जिससे सरकार को बचत होती.