वाराणसीः काशी में भगवान विष्णु के अवतार प्रभु जगन्नाथ की 3 दिवसीय रथयात्रा का मंगलवार को शुभारंभ हुआ. फूल मालाओं से सजे रथ पर सवार होकर भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलराम के साथ भक्तों को दर्शन देने के लिए निकले. मान्यता है कि काशी में इस दर्शन पर श्रद्धालुओं को उतना ही पुण्य मिलता है, जितना कि पुरी के भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने से प्राप्त होता है.
बता दें कि भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा का आयोजन उड़ीसा स्थित पुरी में होती है. इस प्रसिद्ध रथयात्रा मेले की शुरुआत के साथ ही प्रति वर्ष काशी में भी रथयात्रा मेला होता है. यह परंपरा 221 वर्ष पुरानी है. पुरी का रथ यात्रा मेला 14 दिनों का होता है. जबकि काशी का मेला 3 दिन का होता है. इस मेले में भक्तों की लाखों की संख्या में भाग लेने की वजह से इसे लक्खा मेला भी कहते हैं. मान्यता है कि इस मेले से ही काशी में पर्व और त्योहारों का शुरुआत हो जाती है.
काशी में जिस स्थान पर इस मेले का आयोजन किया जाता है, उस स्थान का नाम भी रथयात्रा है. भगवान शिव की नगरी में उनके आराध्य भगवान विष्णु के इस स्वरूप का दर्शन पाने के लिए भक्त सुबह से ही लाइन में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करते हैं. भगवान पालकी में बैठकर रथ में सवार होते हैं और 3 दिनों तक भ्रमण करते हैं. इसके बाद अपने बहन-भाई के साथ ससुराल जाते हैं. 20 जून से शुरू होकर यह मेला 22 जून तक चलेगा.