वाराणसी: नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में विकास कार्य तेजी से आगे बढ़ाने के लिए कई नए और बड़े प्रोजेक्ट जल्द शुरू होने वाले हैं. काम पूरा हो चुका है बस इनकी शुरुआत होनी बाकी है. इन प्रोजेक्ट में से सबसे महत्वपूर्ण है प्रधानमंत्री का वोट ड्रीम प्रोजेक्ट, जो बीते डेढ़ सालों से तैयार किया जा रहा था.
बनारस के खिरकिया घाट रिनोवेशन प्रोजेक्ट के तहत बनारस के इस घाट का नाम जल्द ही नमो घाट किए जाने का प्रस्ताव भी तैयार कर लिया गया है. वैसे तो इस घाट की अपनी बहुत सी खासियत हैं, लेकिन इस घाट की ठाठ इसलिए ज्यादा महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि पूरे उत्तर प्रदेश में बनारस का यह इकलौता ऐसा घाट होगा जो सिर्फ पानी के रास्ते नहीं बल्कि जल, थल और नभ तीनों से जोड़ा जा रहा है, यानी यहां पर पहुंचने के लिए आप आसमान से पानी से और सड़क से तीनों रास्तों से आ सकते हैं.
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यह घाट अपने आप में देखने में जितना खूबसूरत और अलौकिक है उतनी ही इसकी खासियत भी बनारस के और घाटों से बिल्कुल अलग मानी जा रही है. सबसे महत्वपूर्ण है इस घाट की कनेक्टिविटी, एक तरफ जहां गंगा उस पार बनाए जा रहे हेलीपैड के जरिए यहां पर आसमान के रास्ते से पहुंचना आसान होगा, तो गंगा किनारे बनाई जा रही जेट्टी पर बड़े-बड़े क्रूज और नौकाओं के जरिए पहुंचा जा सकेगा. इसके अलावा घाट के मुहाने पर फोर व्हीलर, बड़ी बसें, टूटिस्ट व्हेकिल आसानी से पहुंच जाएंगी. जिससे पर्यटकों को किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं उठानी पड़ेगी.
इसके अलावा भी इस घाट पर आने वाले पर्यटकों को बहुत कुछ ऐसा मिलेगा जो और किसी घाट पर नहीं मौजूद है. सबसे बड़ी बात है यहां पर मौजूद 25 फीट, 15 फीट के 3 बड़े बड़े नमस्कार करते हुए हाथ इस घाट को बिल्कुल अलग बनाते हैं. इन हाथों के आगे संगमरमर पर बड़ा बड़ा नमो नमः लिखा गया है. सूर्य नमस्कार की मुद्रा वाले या हाथ मा गंगा को प्रणाम करते हुए 3 साइज में यहां पर लगवाए जा चुके हैं.
इस बारे में वाराणसी स्मार्ट सिटी के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. वासुदेव ने बातचीत के दौरान बताया कि 21,000 स्क्वायर मीटर में इस घाट को तैयार किया गया है. इस घाट की खूबसूरती अपने आप में अद्भुत है, क्योंकि पूरे घाट को जालीदार लाल पत्थरों की नक्काशी से तैयार कराया जा रहा है. गंगा घाट पर पहुंचने के लिए जल का रास्ता आसमान का रास्ता या फिर सड़क मार्ग तीनों से कनेक्टिविटी की सुविधा दी जा रही है.