वाराणसी:उत्तर प्रदेश में 10 लाख करोड़ के निवेश टार्गेट के लिए वाराणसी इनवेस्टर्स समिट 'बदल रहा उत्तर प्रदेश-वाराणसी में करिये निवेश' में उद्यमियों और निवेशकों को उत्तर प्रदेश में भारी निवेश किए जाने पर विशेष जोर दिया गया. बताया कि देश में उत्तर प्रदेश 'इज ऑफ डूइंग बिजनेस' में द्वित्तीय स्थान है. पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया है. 12 मेजर टूरिस्ट सर्किट उत्तर प्रदेश में है.
कमिश्नरी ऑडिटोरियम में शुक्रवार को आयोजित इनवेस्टर्स समिट में उत्तर प्रदेश के श्रम और सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा निर्देश के क्रम में हमारे मंत्रिमण्डल के साथियों ने 16 देशों का भ्रमण किया. देश के 21 महानगरों में रोड शो के माध्यम से निवेश जुटाने की बात हुई, ताकि 10 लाख करोड़ के निवेश को हासिल कर सकें. जिसके बहुत सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं. 2017 के पहले और वर्तमान में आप माहौल को देखकर खुद ही अंदाजा ले सकते. उत्तर प्रदेश नौजवान प्रदेश है. युवाओं को बाहर नहीं जाने देना है. अपनी ऊर्जा का तभी फायदा ले सकते. सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है. आपके लिए आप सभी पूरे खुले मन से निवेश करें. आपके सभी विकल्पों पर हम विचार करेंगे. व्यापारियों को श्रम कानून पर शोषण न होने पाए इसका भी पूरा ध्यान हम रखे हुए हैं. वीडीए से हो रही समस्या का हम सभी समाधान करने के लिए तैयार हैं.
मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश स्टांप एवं न्यायालय पंजीयन शुल्क राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविन्द्र जायसवाल ने निवेशकों को आर्थिक योद्धा बताते हुए कहा कि भारत फिर से सोने की चिड़िया बन गया. हमने ब्रिटेन को पछाड़कर पांचवी अर्थव्यवस्था बनने में सफलता हासिल की. उन्होंने निवेशकों को और उद्यमियों को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के 1 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने में आप सभी की बड़ी भूमिका है. 100 पूर्व नौकरशाह ने पूरी मेहनत से निवेश की प्रणाली तैयार की है ताकि आप सभी को कोई दिक्कत न हो. उन्होंने कहा कि मुंबई से हमें 7 लाख करोड़ के निवेश आमंत्रण मिले. ये हमारे लिए गर्व की बात है. उद्यमी से ही सभी विकास है, इसलिए सरकार आपके लिए कृतसंकल्प है कि आपको कोई दिक्कत का सामना न करना पड़े. आपको निवेश के 1000 दिन तक कोई आपको परेशान नहीं करेगा. ये मैं आपको विश्वास दिलाता हुं. आप सभी अपने शहर को लौट आए और यहीं अपने शहर में निवेश करें. विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष को अपनी नीतियों और जेइ लोगों की कार्यप्रणाली को फिर से विचार की जरूरत है, क्योंकि सबसे ज्यादा शिकायत विकास प्राधिकरण की तरफ से है. निवेश होगा तभी युवाओं को रोजगार मिलेगा.