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पहली बार वाराणसी में अंतरराष्ट्रीय काइट फेस्टिवल होगा, पूरी दुनिया से आयेंगे पर्यटक

मकर संक्रांती पर वाराणसी में काइट फेस्टिवल (International Kite Festival in Varanasi on Makar Sankranti) होगा. इस बात की जानकारी टूरिज्म वेलफेयर एसोसिएशन अध्यक्ष राहुल मेहता ने दी.

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वाराणसी में काइट फेस्टिवल Kite festival in Varanasi Kite Festival in Varanasi on Makar Sankranti अंतरराष्ट्रीय काइट फेस्टिवल टूरिज्म वेलफेयर एसोसिएशन अध्यक्ष राहुल मेहता Tourism Welfare Association President Rahul Mehta

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 2, 2023, 8:22 AM IST

मकर संक्रांति पर वाराणसी में काइट फेस्टिवल कराने की तैयारी

वाराणसी: काशी का रंग और काशी का ढंग हर किसी को मालूम है. बनारसियों का अंदाज हर कोई पहचानता है. वो चाहे बनारस आकर देखा हो या हिन्दी फिल्मों के माध्यम से. मगर इस बार बनारसियों का एक नया अंदाज पूरी दुनिया देखने जा रही है. बनारसी अंदाज में काशी का पहला 'अंतरराष्ट्रीय काइट फेस्टिवल (International Kite Festival in Varanasi on Makar Sankranti)'. जी हां! आपने गुजरात में आयोजित होने वाले काइट फेस्टिवल के बारे में सुना होगा. अब उससे आगे बढ़कर काशी में गंगा के किनारे पतंजबाजी होने वाली है, जिसे दुनियाभर से आए पर्यटक देखने वाले हैं. इसका आयोजन किया जाएगा मकर संक्रांति के दिन. टूरिस्ट संगठन से जुड़े लोगों ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है.

टूरिज्म वेलफेयर एसोसिएशन कर रहा तैयारी
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी के सांसद बनने के बाद से ही यहां का रंग रूप बदलता जा रहा है. काशी निखर रही है. पहले से कहीं अधिक संवर रही है. काशी के घाटों को संवारा जा चुका है. श्री काशी विश्वनाथ धाम बनकर तैयार हुआ है. ऐसे ही न जाने कितने काम किए गए हैं, जिन्हें देखने के लिए लाखों की संख्या में रोजाना पर्यटक काशी आ रहे हैं. इसी क्रम में काशी में एक और नया प्रयोग होने जा रहा है, जिसे पूरी दुनिया देखने जा रही है. काशी का ऐसा नजारा होगा जिसे पूरी दुनिया में कहीं भी देखने को नहीं मिलेगा. इस मकर संक्रांति बनारसी अपने अंदाज में काइट फेस्टिवल मनाने जा रहे हैं.
गुजरात की तर्ज पर वाराणसी में काइट फेस्टिवल होगा



गुजरात की तर्ज पर काशी में शुरू होगा काइट फेस्टिवल: टूरिज्म वेलफेयर एसोसिएशन अध्यक्ष राहुल मेहता (Tourism Welfare Association President Rahul Mehta) बताते हैं कि हमारी वार्षिक बैठक में सदस्यों द्वारा ये सुझाव आया है कि गुजरात में काइट फेस्टिवल होता है, जोकि अब बहुत ही बड़े स्तर पर आयोजित किया जाता है. ऐसे में वाराणसी में अंतरराष्ट्रीय काइट फेस्टिवल कर सकते हैं. हम लोग इसके लिए प्लान कर रहे हैं. इसके लिए 12 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है. गंगा के उस पार टेंट सिटी भी है. हम लोगों ने टेंट सिटी से भी बात की है. उनके साथ मिलकर इस आयोजन को किया जाएगा. इसके साथ ही काशी की जनता और यहां की संस्थाओं को जोड़ते हुए एक भव्य काइट फेस्टिवल हम लोग आयोजित करेंगे.

वाराणसी में पहली बार होगा अंतरराष्ट्रीय काइट फेस्टिवल



मकर संक्रांति पर होगा फेस्टिवल: राहुल मेहता ने कहा कि 'हम लोग प्लान कर रहे हैं कि इसे पहले एक से दो दिन के लिए आयोजित करें. जैसे-जैसे ये फेस्टिवल बड़ा होता जाएगा इस हम पूरे सप्ताह तक आयोजित करें. मकर संक्रांति का जो भी सप्ताह का अंतिम दिन पड़ रहा होगा, उस दिन तक आयोजित करेंगे. इस आयोजन में जो पर्यटक काशी आ रहे हैं हम लोग उन्हें भी निमंत्रित करेंगे. अपने सभी मेंबर्स के माध्यम से भी कई सारे पर्यटक यहां पर आते हैं. जो भी लोग वाराणसी में आएंगे दिनभर काइट फेस्टिवल का लुत्फ उठाएंगे.' टूरिज्म वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष राहुल मेहता ने जानकारी देते हुए बताया. काशी में आयोजित होने वाला काइट फेस्टिवल एक नई परंपरा की शुरुआत होगी.

लाखों की संख्या में रोजाना पर्यटक काशी आ रहे हैं



ऐसा नजारा पूरी दुनिया में कहीं नहीं मिलेगा: उन्होंने आगे कहा, 'जिस समय गंगा उस पार से काशी में पतंग उड़ाए जाएंगे और वहां से गंगा किनारे का जो भव्य नजारा होगा वह विश्व में कहीं नहीं मिलेगा. इस प्वाइंट को हम लोग हाइलाइट करेंगे. ऐसा कह सकते हैं कि बनारसी अंदाज में हम काइट फेस्टिवल का आयोजन करेंगे.' वाराणसी में आयोजित होने जा रहा यह काइट फेस्टिवल काशी के पर्यटन इतिहास में एक नया अध्याय भी होगा. क्योंकि पहले ऐसा आयोजन काशी में नहीं किया गया है. इसके साथ ही काइट फेस्टिवल को देखने के लिए लाखों पर्यटक मौजूद रहेंगे, जिससे इसका प्रचार-प्रसार देश के साथ ही विदेशों में भी हो सकेगा.



बनारस में मौजूद रहेंगे लाखों पर्यटक:टूरिस्ट संगठन से जुड़े लोगों का कहना है कि इस काइट फेस्टिवल का आयोजन पहले दो दिन के लिए किया जाएगा. मकर संक्रांति के दिन पूरे सप्ताह इसके आयोजन की योजना है, जिसे वीकेंड तक चलाया जाएगा. इस आयोजन की सफलता को देखते हुए साल-दर-साल इसकी अवधि को बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा. उनका कहना है कि इसके माध्यम से काशीवासी भी इस आयोजन से जुड़ेंगे ही. इसके साथ ही पर्यटकों के मनोरंजन के लिए एक नई परंपरा की शुरुआत की जाएगी, जिसका लुत्फ अलग-अलग राज्यों के साथ ही विदेशों से भी आए पर्यटक उठा सकेंगे. इससे उन्हें हमारे त्योहारों के बारे में भी जानने का मौका मिलेगा.

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