वाराणसी:आर्थिक तंगी के कारण बहुत सी बच्चियों के सपने टूट जाते हैं. ऐसे में वाराणसी की इनरव्हील साउथ संस्था (Innerwheel South Organization) इन गरीब और असहाय बच्चियों (Poor and Helpless Girls) के लिए उम्मीद की किरण बनी हुई है. इनरव्हील साउथ संस्था (Innerwheel South Organization) बीते 49 सालों से गरीब बच्चियों की बेहतरी लिए काम कर रही है. संस्था इन बच्चियों को शिक्षित करने के साथ-साथ उनको रोजगार के साधन भी मुहैया कराती हैं. संस्था की तरफ से गुरुवार को वाराणसी में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें गरीब और असहाय बच्चियों में छात्रवृत्ति और महिला को सिलाई मशीन का वितरण किया गया.
इस दौरान संस्था की अध्यक्ष पूनम कपूर ने बताया कि इनरव्हील साउथ संस्था समय-समय पर इस प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन कर जरूरतमंदों की मदद करती रहती है. इसी क्रम में संस्था की तरफ से गरीब बच्चियों में छात्रवृत्ति, सिलाई मशीन का वितरण किया गया. इसके साथ ही संस्था की सदस्यों ने अपनी ओर से गरीब महिलाओं के लिए वस्त्र दान किए. उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के दौरान सभी महिलाओं ने कैंसर के मरीजों की मदद के लिए डोनेशन दिया, जिससे उनकी मदद हो सके.
इनरव्हील साउथ संस्था ने किया कार्यक्रम का आयोजन वहीं संस्था की तरफ से मदद पाने वाली वासुमति देवी कहा कि ये संस्था हमारे लिए मसीहा के रूप में है. ये समय-समय पर हम महिलाओं की मदद करती रहती हैं. इनकी मदद से हम अपने पैरों पर खड़े हो पाए हैं और अपने परिवार का भरण पोषण भी कर रहे हैं.संस्था की अध्यक्ष पूनम कपूर ने बताया कि इनरव्हील साउथ संस्था ने वाराणसी के आदित्य नगर गांव को गोद लिया है. वहां बीते कई सालों से गांव की गरीब बच्चियों के लिए शिक्षा और रोजगार की व्यवस्था करते हैं. हमारी कोशिश होती है कि गरीब बच्चियां आर्थिक तंगी के अभाव में अपने सपनों से समझौता न करें, बल्कि अपने सपने को पूरा करें. इसके संस्था के द्वारा वहां पर हैप्पी स्कूल के नाम से एक स्कूल संचालित किया जाता है, जिसके तहत बच्चों को निःशुल्क प्राइमरी शिक्षा दी जाती है. इसके साथ ही संस्था के द्वारा बच्चियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए समय-समय पर विभिन्न कलाओं के ट्रेनिंग प्रोग्राम भी चलाए जाते हैं. उन्होंने बताया कि संस्था के द्वारा गांव मे एक सिलाई केंद्र भी खोला गया है. जहां आप पास के गांव की बच्चियों को निःशुल्क सिलाई सिखाई जाती है, ताकि वह इन व्यवसायिक कोर्स से आत्मनिर्भर भी हो सके और अपनी जिम्मेदारियों का जरूरतों को पूरा कर सके. पूनम कपूर ने बताया कि हम शीरोज की थीम पर काम करते हैं, मतलब 'शी द हीरोज'. इसके तहत हम महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ उनके हेल्थ और हाइजीन का भी ध्यान रखते हैं. क्योंकि ग्रामीण अंचल के महिलाएं में हेल्थ के प्रति जागरुकता का आभाव होता है और वह गम्भीर बीमारियों की शिकार भी हो जाती हैं. इस लिए ग्रामीण अंचल के महिलाओं को जागरुक करने के लिए संस्था समय समय पर हेल्थ कैप लगाती हैं. जहां वरिष्ठ डॉक्टरों के द्वारा महिलाओं की जांच की जाती है उन्हें जागरुक किया जाता है. उन्होंने बताया कि संस्था के द्वारा गांव में सैनिटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन भी लगाए जा रहे हैं. जहां समय समय पर डॉक्टर्स बच्चियों को सेनिटरी पैड इस्तेमाल करने व इसके नष्ट करने के तरीकों की जानकारी दी जाती है, जिससे वह शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रहें.