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कैंसर जांच अभियान में एक लाख से अधिक महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण, BHU में खुला जन औषधि केंद्र

वाराणसी में महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र और होमी भाभा कैंसर अस्पताल द्वारा महिलाओं में कैंसर की जांच की गई. इस दौरान कुल 1,03,616 लाख महिलाएं जांच कराने पहुंची.

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BHU में खुला जन औषधि केंद्र

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 22, 2023, 10:39 PM IST

वाराणसी:अक्टूबर 2021 में इंडियन स्टडी फॉर हेल्दी एजिंग प्रोजेक्ट के तहत एक अभियान शुरू हुआ. इसमें वाराणसी के 7 ब्लॉक में महिलाओं में होने वाले सामान्य कैंसर की जांच की शुरुआत हुई. इसे महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र और होमी भाभा कैंसर अस्पताल द्वारा पूरा किया गया. इसमें घर-घर जाकर अब तक एक लाख से अधिक महिलाओं की कैंसर की जांच की गई है. किसी भी महिला में कैंसर के लक्षण दिखने या कैंसर की संभावना होने पर उन्हें अस्पताल में पंजीकृत कर उनका इलाज शुरू कर दिया गया है.

कुल 1,03,616 लाख महिलाओं की जांच: महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र एवं होमी भाभा कैंसर अस्पताल द्वारा कैंसर की जांच की गई. अस्पताल द्वारा अक्टूबर 2021 में इंडियन स्टडी फॉर हेल्दी एजिंग (ईशा) प्रोजेक्ट के तहत वाराणसी के 7 ब्लॉक, सेवापुरी, हरहुआ, काशी विद्यापीठ, अराजीलाईन, चिरईगांव, पिंड्रा एवं बड़ागांव में महिलाओं में होने वाले सामान्य कैंसर की जांच की शुरुआत हुई थी. अब तक इसके तहत कुल 1,03,616 लाख महिलाओं की जांच की जा चुकी है. जांच के दौरान 3194 महिलाओं में स्तन कैंसर, गर्भाशय ग्रीवा के मुख एवं मुंह के कैंसर की आशंका हुई थी.

1514 महिलाएं जांच के लिए अस्पताल पहुंचीं:अस्पताल ने जिन महिलाओं में कैंसर की आंशका हुई उन्हें आगे की जांच के लिए एमपीएमएमसीसी एवं एचबीसीएच रेफर किया गया. इनमें से केवल 1514 ही महिलाएं जांच के लिए अस्पताल पहुंची. जांच के बाद केवल 8 महिलाओं में कैंसर के लक्षण दिखे और इन सभी मरीजों का इलाज भी शुरू कर दिया गया. जांच का आंकड़ा एक लाख होने पर मंगलवार को अस्पताल में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अभियान में घर-घर जाकर जो जांच की गई थी उसमें गर्भाशय ग्रीवा के मुख, मुंह और स्तन संबंधित कैंसर मुख्य रूप से शामिल हैं.

7 ब्लॉक में कुल 759 कैंप आयोजित हुए:एक कार्यक्रम के दौरान अस्पताल की मेडिकल ऑफिसर डॉ. रूचि पाठक ने बताया कि घर-घर जाने के बाद भी हमने देखा कि लोग जांच के लिए सामने नहीं आ रहे थे. वाराणसी के सभी 8 ब्लॉक में से 7 ब्लॉक में हमने कुल 759 कैंप्स आयोजित किए. इसमें 228291 महिलाएं जांच के लिए आयी, लेकिन जांच केवल 1,03,616 महिलाओं ने ही करायी. शोध और आंकड़ों से साफ जाहिर होता है कि शुरुआती स्तर पर कैंसर की पहचान होने से न केवल बेहतर तरीके से इलाज किया जा सकता है, बाल्कि पूरी तरह से बीमारी को खत्म भी किया जा सकता है. इसलिए हम चाहते हैं कि अधिक से अधिक महिलाएं इस जांच अभियान का हिस्सा बनें.

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जिलाधिकारी ने अस्पताल के कर्मचारियों को दी बधाई:मुख्य अतिथि मुख्य अतिथि जिलाधिकारी एस. राजलिंगम ने अस्पताल की इस उपलब्धि पर अस्पताल कर्मचारियों को बधाई दी. उन्होंने आगे कहा कि वाराणसी में कैंसर अस्पताल की शुरुआत होने से न केवल वाराणसी, बल्कि आस-पास के कई जिलों के कैंसर मरीज यहां इलाज के लिए आते हैं, जिन्हें पहले मुंबई या दूसरे बड़े शहर जाना पड़ता था. वहीं, अस्पताल के निदेशक डॉ. सत्यजीत प्रधान ने कहा कि अस्पताल आने वाले मरीजों को गुणवत्तापरक इलाज उपलब्ध कराने के साथ ही हमारा फोकस बीमारी की समय रहते पहचान के लिए स्क्रीनिंग अभियान पर भी रहता है.

बीएचयू में जन औषधि केंद्र का उद्घाटन: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय स्थित सर सुंदरलाल अस्पताल के सुपरस्पेशियलिटी ब्लॉक में जन औषधि केंद्र खुल गया है. मंगलवार को जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने इसका उद्घाटन किया. जिलाधिकारी ने केंद्र का उद्घाटन करने के साथ ही कहा कि जन औषधि केंद्र मरीजों के हित में बड़ा उपयोगी है. यहां से गरीब वर्ग के मरीजों को सस्ती और अच्छी दवाएं मिल सकेंगी. बता दें कि बीएचयू की ओर से पहले से ही उमंग फार्मेसी अधिकृत फार्मेसी है. अब यहां पर जन औषधि केंद्र होने से मरीजों को सस्ती दवाएं भी मिल सकेंगी. कार्यक्रम में चिकित्सा अधीक्षक प्रो. केके गुप्ता मौजूद थे.

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