चुनाव प्रचार करते पार्षद प्रत्याशी वाराणसीः प्रदेश में नगर निगम चुनाव की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है. प्रत्याशी अपने-अपने तरीके से मतदताओं को अपनी ओर आकर्षित करने में लगे हुए हैं. ऐसा ही कुछ अलग नजारा काशी के वार्ड में देखने को मिला, जहां निर्दलीय प्रत्याशी त्रिशूल और डमरू लेकर चुनाव प्रचार करते दिखा. माथे पर त्रिपुंड और हाथ में त्रिशूल लोगों को खूब आकर्षित कर रहा है. बता दें कि पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 4 मई को मतदान होना है.
दरअसल नगर निकाय चुनाव में कई प्रत्याशी निर्दलीय चुनाव लड़ते हैं. निर्दल प्रत्याशी होने के नाते इन्हें अलग-अलग तरह के चुनाव चिन्ह दिए जाते हैं. इसी तरह धर्म नगरी काशी में पार्षद पद के लिए निर्दल चुनाव लड़ रहे कृष्णकांत तिवारी को त्रिशुल चुनाव चिन्ह मिला तो वहीं, निर्दलीय पार्षद उम्मीदवार सौरभ कक्कड़ को डमरू मिला है. इसके बाद इन दोनों ही निर्दल प्रत्याशियों ने अपने-अपने चुनाव चिन्ह को अलग-अलग तरीके से प्रचार में शामिल किया.
एक तरफ जहां कृष्णकांत तिवारी हाथ में त्रिशूल लेकर और माथे पर त्रिपुंड लगाकर क्षेत्र में प्रचार कर रहे हैं. वहीं, सौरभ कक्कड़ अपने चुनाव चिन्ह डमरु को बजाकर अपने क्षेत्र में लोगों को अपने चुनाव चिन्ह के बारे में बता रहे हैं. सौरभ जिस गली में जा रहे हैं. वहां लाउडस्पीकर की जगह डमरू की आवाज सुनकर लोग घर से बाहर निकल आ रहे हैं. इसके बाद सौरभ उनसे मुलाकात कर अपने चुनाव चिन्ह डमरू को बाबा विश्वनाथ का डमरू बता कर वोट देने के लिए अपील कर रहे हैं.
पार्षद प्रत्याशी कृष्णकांत तिवारी ने बताया कि हम ब्राह्मण और पुरोहित परिवार के लोग हैं. हमारी यही वेशभूषा है. हमें चुनाव चिन्ह त्रिशूल मिला है. उसे लेकर जनता के बीच में जा रहे हैं. हम लोगों ने भारतीय जनता पार्टी के लिए काम किया है. वहां से टिकट कटने के बाद निर्दल चुनाव लड़ रहे हैं और यह व्यक्तिगत चुनाव है. अपने चुनाव चिन्ह के साथ प्रचार कर रहा हूं. वहीं, सौरभ कक्कड़ ने कहा कि चुनाव चिन्ह डमरू के साथ प्रचार कर रहा हूं. जनता मुझे भरपूर प्यार दे रही है. मैं जीत कर नगर निगम में जाऊंगा. क्योंकि काशी में डमरू बजता है और महादेव खुश होते हैं. इसीलिए मेरा चुनाव चिन्ह डमरू है.
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