वाराणसी:काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) में पीएचडी परीक्षा और नामांकन प्रक्रिया में हुई धांधली और गड़बड़ी को लेकर छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं. ये छात्र परीक्षा नियंत्रक कार्यालय के बाहर तीन दिन से जमे हुए हैं. इसके साथ ही इन छात्रों ने अपना 11 सूत्रीय मांग पत्र भी विश्वविद्यालय प्रशासन को सौंपा है. इनका आरोप है कि विश्वविद्यालय सुनवाई नहीं कर रहा है. जब इनकी समस्या का समाधान नहीं होता दिखा, तो इन छात्रों ने अनिश्चितकालीन धरने की शुरुआत कर दी. वहीं, मंगलवार रात छात्रों ने धरना स्थल पर लकड़ी के चूल्हे पर बाटी-चोखा बनाकर खाया. वहीं, मांगे पूरी न होने तक ये धरना चलता रहेगा.
बाटी-चोखा बनाने की तैयारी करते छात्र. बिना सीटों के विज्ञापन के ही आवेदन:छात्रों का आरोप है कि बिना सीटों के विज्ञापन के ही आवेदन करा लिए गए हैं. कला संकाय के हिन्दी विभाग में संचालित प्रयोजनमूलक हिन्दी पत्रकारिता विषय से पीएचडी की सीटों और विषय का विज्ञापन नहीं निकाला गया था. एनटीए द्वारा इसका विज्ञापन भी जारी नहीं किया गया था. बीएचयू ने बुलिटेन में भी इसके बारे में जानकारी नहीं दी थी. 20 सितंबर से 22 सितंबर तक इस विषय के लिए एनटीए द्वारा आयोजित CUET पीएचडी प्रवेश परीक्षा के लिए कुछ अभ्यर्थियों से आवेदन भी करा लिया गया.
पीएचडी परीक्षा में धांधली के विरोध में धरना प्रदर्शन करते छात्र नियमों को बदलने की मांग: धरना दे रहे छात्रों का आरोप है कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने पीएचडी प्रवेश के माध्यम को बदला है. इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा जो नियम बनाए गए हैं, वह विद्यार्थियों के समझ से परे हैं. उस नियम में सीधे-सीधे कहा गया है कि एक सीट पर सिर्फ चार लोगों को बुलाया जाएगा. यह यूजीसी के गजट नियम का भी उल्लंघन करता है. प्रदर्शन कर रहे छात्रों का आरोप है कि इस नियम से अगर पीएचडी में प्रवेश होने लगा, तो योग छात्र दाखिले के रेस में काफी पीछे छूट जाएंगे. ऐसे में छात्रों ने अपनी मांग रखते हुए इस बदले हुए नियम का विरोध शुरू कर दिया है.
11 बिंदुओं का मांग पत्र एग्जाम कंट्रोलर को सौंपा:धरने पर बैठे छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से कोई सुनवाई नहीं हो रही है. इसलिए हम अब अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं. जब तक हमारी मांगों को माना नहीं जाएगा हम नहीं हटेंगे. छात्रों ने बताया कि अभी तक हम लोगों ने 8 प्रदर्शन एवं 11 बिंदुओं मांग पत्र का एग्जाम कंट्रोलर को दिया था, लेकिन कोई समस्या का समाधान नहीं हुआ. छात्रों का ये भी आरोप है कि इस बार 85 विषयों के लिए एनटीए CUET के माध्यम से प्रवेश परीक्षा और जिन विषयों को एनटीए में शामिल नहीं किया गया है. ऐसे 61 विषयों के लिए बीएचयू रेट की परीक्षा आयोजित की जा रही है. यह नियमों के खिलाफ है.
चार गुना अभ्यर्थियों को बुलाने का नियम गलत: धरने पर बैठे छात्रों की मांग है कि सभी शिक्षकों के अंतर्गत रिक्त सीटों को विज्ञापित किया जाए. इसके साथ ही रेट एग्ज्म्पटेड के लिए सीटों के सापेक्ष चार गुना अभ्यर्थियों को बुलाने का नियम गलत है. इस नियम से छात्र अवसर की समता से वंचित होते हैं. ऐसे में सभी छात्रों को टेस्ट B के लिए इंटरव्यू की प्रकिया में बुलाया जाए. वहीं, यूजीसी द्वारा दिए गए निर्देशों में सभी शिक्षकों को पीएचडी कराने के लिए निर्देशित किया गया है. लेकिन विश्विद्यालय द्वारा कुछ विषयों में ही सम्बद्ध कॉलेजों में पीएचडी के लिए सीटें निकाली गई हैं. सम्बद्ध महाविद्यालयों में भी सभी शिक्षकों के अंतर्गत पीएचडी की सीटें निकाली जाएं.
BHU RET आवेदन के लिए अतिरिक्त शुल्क न लेने की मांग: इसके साथ ही छात्रों की मांग है कि रेट एग्ज्म्पटेड के लिए निर्धारित मेरिट के अवयवों में 50 अंक JRF और नेट में प्राप्त अंकों का रखा गया है. इसमें बदलाव किया जाए. क्योंकि कुछ विषयों में एनटीए परसेंटाइल जारी करता है तो कुछ विषयों में वह मात्र परसेंट जारी करता है. CUET में आवेदन के बाद और BHU द्वारा अलग से कुछ विभागों में कराई जाने वाली अतिरिक्त BHU RET आवेदन के लिए शुल्क न लिया जाए. प्रवेश से सम्बन्धित आरक्षण के रोस्टर को तत्काल स्पष्ट किया जाए. वहीं यूजीसी द्वारा निर्धारित नियमावली में रेट एग्ज्म्पटेड के लिए दो बार परीक्षा का उल्लेख है. इसे ऐसे ही रहने दिया जाए.