वाराणसी :संसाधन और कर्मचारी विहीन मंडुआडीह स्टेशन को धूमधाम से रेलवे ने शीघ्रता बरतते हुए लोकार्पित कर दिया. मगर मंडुआडीह स्टेशन के पश्चिमी द्वार को देखने के बाद यह पता चलता है कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर ही इसका उद्घाटनआनन-फानन में किया गया है. गौर करने वाली बात तो यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में ऐसा नजारा देखने को मिल रहा है.
न अधिकारी, न कर्मचारी, कुर्सियां पड़ी हैं खाली, ऐसा है बनारस का वर्ल्ड क्लास मंडुआडीह स्टेशन - up news
वाराणसी के वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन को रेलवे ने आनन-फानन में लोकार्पित कर दिया. यहां पश्चिमी द्वार को देखने के बाद यह पता चलता है कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर ही इसका उद्घाटन आनन-फानन में किया गया. इस स्टेशन में न कोई सुविधा है और न ही इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी ही.
एंट्री परिसर में लगे दर्जनों नए पंखे धूल फांक रहे हैं तो वहीं पूछताछ केंद्र, टिकट काउंटर आदि स्थानों पर कर्मचारी नदारद हैं. साथ ही दिव्यांगों की सहायता के लिए खुले काउंटर पर न तो कोई कर्मचारी मौजूद है और न ही दिव्यांगों के लिए किसी प्रकार की व्हीलचेयर उपलब्ध है. इन आधे-अधूरे संसाधनों की गैर मौजूदगी में उद्घाटन किया जाना लोगों की समझ से परे है.
इसके अलावा स्टेशन की खूबसूरती के लिए बनाए गए तालाब में तमाम रंगीन लाइट और फुहारे महत्वहीन हो गए हैं. करोड़ों की लागत से बना तालाब अब उसी क्षेत्र के बच्चों को लिए स्विमिंग पूल बन गया है. साथ ही पूरे पश्चिमी परिसर में एक भी आरपीएफ का जवान सुरक्षा के मद्देनजर मौजूद नहीं है. नई लगी स्टील की कुर्सियों को लोग सोने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं. इन सब बातों का जवाब देने के लिए मंडुआडीह स्टेशन पर कोई भी जिम्मेदार अधिकारी मौजूद नहीं है.