वाराणसी:रक्षा तकनीक पर नई डिवाइस तैयार करने के लिए आईआईटी बीएचयू ने डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन को कुल 25 प्रपोजल भेजे हैं. इन प्रपोजलों में पाउडर मेटालर्जी, फंक्शनल इलेक्ट्रॉनिक मटेरियल्स, हाई पावर माइक्रोवेव एनर्जी इत्यादि पर आधारित डिफेंस के इक्विपमेंटस बनाए जाने की बात शामिल है. डीआरडीओ (DRDO) से स्वीकृति मिलने के बाद इन डिवाइस को बनाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.
गौरतलब है कि बीते 20 अक्टूबर को गुजरात के गांधीनगर में आईआईटी बीएचयू व डीआरडीओ के बीच एक एमओयू साइन हुआ था, जिसके तहत डीआरडीओ ने आईआईटी बीएचयू में अपना एक्सीलेंस सेंटर स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू की थी. इस प्रक्रिया को शुरू होने के बाद आईआईटी बीएचयू ने बीते 10 दिनों में कुल 25 प्रपोजलों को सेंटर भेजा हैं.
IIT BHU ने DRDO को भेजे 25 प्रपोजल
इन प्रपोजलों के बारे में आईआईटी बीएचयू के डायरेक्टर प्रो. पीके जैन बताते हैं कि 20 अक्टूबर को IIT BHU में अपना एक्सीलेंस सेंटर स्थापित करने के लिए डीआरडीओ से एक एमओयू साइन हुआ था, जिसके बाद हम प्रपोजलों पर कार्य कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि भारत को डिफेंस सेक्टर में सेल्फ डिपेंड बनाने की यह एक प्रक्रिया है. उन्होंने बताया कि हमारा रिसर्च भविष्य में बदल रही डिफेंस टेक्नोलॉजी को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है. इस रिसर्च के लेवल पर हम भारत की डिफेंस जरूरतों को पूरा करने में भरपूर सहयोग देंगे. उन्होंने बताया कि 10 दिनों में 25 प्रपोजल को भेजना एक बड़ कदम है.
शोध में एडवांस तकनीक को दिया गया है स्थान
उन्होंने बताया कि हमारे शोध में एडवांस टेक्नोलॉजी को स्थान दिया जा रहा है और इन्हीं एडवांस टेक्नोलॉजी में से एक हाई पावर माइक्रोवेव एनर्जी इक्विपमेंट है. यह एक तरह से तरंगों वाला हथियार है जो किसी भी देश के लिए इलेक्ट्रॉनिक ट्इक्विपमेंट को डिसेबल कर सकता है. उन्होंने बताया कि इस डिवाइस से इंसानों को कोई खतरा नहीं है. दुनिया में इस पर आधारित कुछ मिसाइल भी बनाए गए हैं. जिनमें बोइंग का CHAMP यानी कि काउंटर इलेक्ट्रॉनिक्स हाई पावर्ड माइक्रोवेव एडवांस मिसाइल प्रोजेक्ट और दूसरा THOR यानी कि टेक्निकल हाई पावर ऑपरेशनल रिस्पांडर है.
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