वाराणसी: IIT-BHU में एक नवंबर की रात करीब डेढ़ बजे तीन लोगों ने एक छात्रा के साथ दरिंदगी की थी. छात्रा ने इस मामले में आरोप लगाया था कि तीनों ने उसके कपड़े उतरवाए, उसका वीडियो बनाया, फोटो लिए और मोबाइल नंबर भी ले लिया था. वहीं, अब पीड़ित छात्रा ने आरोप लगाया है कि तीनों आरोपियों ने उसके प्राइवेट पार्ट को भी छुआ था. इसके बाद तीनों ने वीडियो और फोटो को सोशल मीडिया पर अपलोड करने की धमकी दी थी. पीड़ित छात्रा के इस बयान के आधार पर पुलिस ने सामूहिक दुष्कर्म और महिला की मर्यादा के अपमान का मामला दर्ज कर लिया है.
IIT-BHU की द्वितीय वर्ष की छात्रा से छेड़खानी और अभद्रता के मामले में दर्ज हुए मुकदमे की विवेचना लंका थाना इंस्पेक्टर सहजानंद श्रीवास्तव कर रहे थे. इस मुकदमे में सामूहिक दुष्कर्म की धारा बढ़ने के बाद अब मुकदमे की विवेचना लंका थानाध्यक्ष शिवाकांत मिश्र को सौंप दी गई है. धाराएं बढ़ाए जाने के बाद अब यह और भी गंभीर मामले के दायरे में आ चुका है, जिसके लिए पुलिस टीम तेजी से कार्रवाई कर रही है. वहीं इस मामले की अपडेट पुलिस आयुक्त मुथा अशोक जैन भी ले रहे हैं. उनका कहना है कि मामले में धाराएं बढ़ाकर जांच तेज कर दी गई है.
आरोपी हर हाल में जाएंगे जेलः पुलिस आयुक्त मुथा अशोक जैन ने बताया कि पीड़ित छात्रा का कलमबंद बयान पुलिस के सामने दर्ज हो चुका है. बयान के आधार पर धाराएं बढ़ाई गई हैं. आरोपी बच नहीं पाएंगे. वे हर हाल में जेल जाएंगे. एक नवंबर की रात IIT-BHU कैंपस में छात्रा के साथ तीन युवकों ने दरिंदगी थी. पीड़ित छात्रा का आरोप है कि उसके कपड़े उतरवाकर उन सभी ने वीडियो बनाई थी. इसके बाद उसके प्राइवेट पार्ट को छुआ भी. आरोपियों ने फोटो भी खींचे थे और सोशल मीडिया पर अपलोड करने की धमकी भी थी दी.
सात दिन बीत गए, आरोपी पुलिस की पकड़ से दूरः IIT-BHU में छात्रा के साथ हुई दरिंदगी के आज सात दिन बीत चुके हैं. मगर पुलिस के हाथ अभी भी खाली हैं. पुलिस आरोपियों का कोई भी सुराग नहीं लगा सकी है. इससे IIT-BHU और BHU के स्टूडेंट्स में काफी आक्रोश है. छात्र लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. करीब 5000 की संख्या में कैंपस में इकट्ठा हुए छात्रों ने जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन से इस मामले में न्याय देने की मांग की है. बीते दिन छात्र IIT के डायरेक्टर ऑफिस के सामने जाकर धरने पर बैठ गए. वहां पर वे छात्र शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने लगे. वहीं शाम को एक मार्च निकालते हुए इन छात्रों ने विश्वविद्यालय के चौराहों का चक्कर लगाया और वापस डायरेक्टर ऑफिस के सामने आकर बैठ गए.