वाराणसी: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, काशी हिंदू विश्वविद्यालय (IIT-BHU) को क्यूएस (क्वाक्वेरेली साइमंड्स) वर्ल्ड रैंकिंग सस्टेनेबिलिटी 2024 में प्रभावशाली जगह मिली है. यह वैश्विक मंच पर शिक्षा, प्रशासन और ज्ञान के आदान-प्रदान में उत्कृष्टता के प्रति संस्थान की प्रतिबद्धता व्यक्त करता है. कई मापदंडों के तहत वैश्विक स्तर पर IIT-BHU ने गुड गवर्नेंस (सुशासन) की श्रेणी में 336वां वैश्विक स्थान हासिल किया है.
ऐसे में इस संस्थान ने एक सुदृढ़ और पारदर्शी शासन संरचनाओं को लेकर अपनी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया है. संस्थान के निदेशक प्रोफेसर प्रमोद कुमार जैन का कहना है कि हम और अच्छा प्रदर्शन करते रहेंगे. सुशासन पैरामीटर यह बताता है कि किसी संस्थान में मजबूत प्रशासन, खुला निर्णय लेने की क्षमता, एक समग्र नैतिक संगठन संस्कृति, संस्थानों के शासी निकायों में छात्र प्रतिनिधित्व और वित्तीय पारदर्शिता कितनी है?
ऐसे में क्यूएस (क्वाक्वेरेली साइमंड्स) की रैंकिंग में जगह मिलने के बाद यह मान्यता आईआईटी-बीएचयू की नैतिक निर्णय लेने की प्रतिबद्धता, एक समावेशी संगठनात्मक संस्कृति और वित्तीय पारदर्शिता, इसकी वैश्विक स्थिति में योगदान देने वाले आवश्यक पहलुओं को बताता है. इसके अलावा शिक्षा देने (नॉलेज एक्सचेंज के मामले में भी IIT-BHU को 303वां वैश्विक स्थान मिला है.
पहली बार क्यूएस रैंकिंग में संस्थान ने की एंट्रीः संस्थान की पर्यावरणीय प्रभाव के तहत 503वीं वैश्विक रैंक है, जिसमें पर्यावरण से संबंधित अनुसंधान, स्थिरता, रोजगार और परिणाम के साथ-साथ समानता भी शामिल है. क्यूएस विश्व रैंकिंग सस्टेनेबिलिटी-2024 में संस्थान की समग्र रैंक विश्व स्तर पर 684 है. संस्थान ने पहली बार स्थिरता के आधार पर क्यूएस विश्व रैंकिंग के तहत इतनी प्रतिष्ठित रैंकिंग में अपनी एंट्री दर्ज की है. देश की सभी आईआईटी में IIT-BHU 7वें स्थान पर है. इससे पहले संस्थान को जून 2023 में जारी समग्र मापदंडों पर क्यूएस विश्व रैंकिंग में भी उत्कृष्ट रैंक मिली थी. इस साल की क्यूएस विश्व विश्वविद्यालय रैंकिंग-2024 में उल्लेखनीय सुधार हुआ था.
IIT BHU ने स्थापित की अपनी पहचानः पिछले साल संस्थान को 651-700 बैंड के बीच रखा गया था. मगर इस बार वैश्विक स्तर पर 571वीं व्यक्तिगत रैंकिंग और भारतीय विश्वविद्यालयों में 13वीं रैंक लाकर दुनिया भर के शीर्ष 600 विश्वविद्यालयों में अपनी पहचान स्थापित की है. IIT-BHU ने विशेष रूप से साइटेशन पर फैकल्टी (CPF) श्रेणी में क्यूएस द्वारा मूल्यांकन किए गए विश्व स्तर पर 78वीं रैंक और भारतीय संस्थानों में 7वीं रैंक प्राप्त की है. IIT-BHU के निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार जैन का कहना है कि, संस्थान ने अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संगठनों के साथ कई नई शैक्षणिक और अनुसंधान सहयोगी गतिविधियां शुरू की हैं.
IIT BHU कड़ी मेहनत करना जारी रखेगाः संस्थान के निदेशक प्रोफेसर प्रमोद कुमार जैन ने कहा कि, भविष्य में क्षेत्रीय और वैश्विक रैंकिंग में अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए यह संस्थान कड़ी मेहनत करना जारी रखेगा. प्रो. जैन ने IIT-BHU के संकाय सदस्यों और अनुसंधान कर्मचारियों को अनुसंधान (शोध) के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए बधाई दी है. उन्होंने कहा कि, हमारा लक्ष्य अपनी वैश्विक स्थिति को और बढ़ाना. साथ ही स्थायी अनुसंधान और शैक्षणिक आधुनिकता में महत्वपूर्ण प्रगति करना है. वहीं, संस्थान रैंकिंग समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर विकास कुमार दुबे ने कहा कि, क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग सस्टेनेबिलिटी 2024 में आईआईटी-बीएचयू की उपलब्धियां विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता के प्रमाण के रूप में काम करती हैं.
लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहा IIT-BHU: प्रोफेसर विकास कुमार दुबे ने कहा कि, क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग एक कड़े मूल्यांकन मानदंडों के लिए जाना जाता है, जिसमें वैश्विक स्तर पर स्थायी कार्य-प्रणाली, अनुसंधान और शिक्षा में किसी संस्थान के समग्र प्रभाव और योगदान को मापने के लिए विभिन्न मापदंडों को शामिल किया गया है. क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग मूल्यांकन नौ रैंकिंग संकेतकों पर आधारित है, जिसमें शैक्षणिक प्रतिष्ठा, नियोक्ता प्रतिष्ठा, प्रति संकाय साइटेशन, संकाय-से-छात्र अनुपात, अंतरराष्ट्रीय संकाय सदस्य आदि शामिल हैं. संस्थान क्यूएस रैंकिंग के प्रमुख रैंकिंग मूल्यांकन मापदंडों, वाणिज्यिक और सामाजिक प्रभाव के सतत और अत्याधुनिक अनुसंधान और आविष्कारों में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहा है.
ये भी पढ़ेंः क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग 2024 में फिसला आईआईटी कानपुर, दिल्ली यूनीवर्सिटी देश में अव्वल