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IIT-BHU के पूर्व छात्रों ने दी रिसर्च एक्सलेंस फेलोशिप की सौगात, 1.33 करोड़ रुपये का दिया योगदान

आईआईटी बीएचूय में 1994 बैच के पूर्व छात्रों ने 1.33 करोड़ रुपए का योगदान कर रिसर्च एक्सलेन्स फेलोशिप की शुरुआत की है. इस दौरान निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार जैन ने कहा कि यह योगदान संस्थान में शैक्षणिक और अनुसंधान इको-सिस्टम को मजबूत बनाने में मददगार साबित होगा.

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आईआईटी बीएचयू

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Published : Feb 27, 2022, 10:08 AM IST

वाराणसी:आईआईटी बीएचयू (IIT-BHU) में 1994 बैच के पूर्व छात्रों ने एक अनूठा कदम उठाया है. उन्होंने 1.33 करोड़ रुपये का योगदान कर संस्थान के संकाय सदस्यों के लिए रिसर्च एक्सलेन्स फेलोशिप की शुरुआत की है. बताया जा रहा है कि यह फेलोशिप कार्यक्रम इंजीनियरिंग संकाय सदस्यों को चयनित क्षेत्र में अनुसंधान और प्रोत्साहित करने के लिए है. इतना ही नहीं यह फेलोशिप अनुसंधान क्षेत्र के अलावा स्थायी आधार पर भी जारी रहेगी.

जानकारी के मुताबिक, सर्व विद्या की राजधानी कहे जाने वाले आईआईटी बीएचयू में संस्थान के संकाय सदस्यों के लिए रिसर्च एक्सीलेंस फेलोशिप की शुरुआत हुई है. संस्थान के 1994 बैच के पूर्व छात्रों ने इसके लिए 1.33 करोड़ रुपये का योगदान दिया है. यह फेलोशिप संस्थान के तीन विभागों से एक-एक संकाय सदस्य को प्रदान की जाएगी. इसमें रासायनिक इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी, मैकेनिकल इंजीनियरिंग और मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग विभाग शामिल हैं. इसके लिए अमेरिका में रहने वाले पूर्व छात्र मनु श्रीवास्तव, श्रीकांत कोम्मू और आईआईटी बीएचयू में अधिष्ठाता (संसाधन एवं पूर्व छात्र) प्रो. राजीव श्रीवास्तव ने समझौता पत्र पर हस्ताक्षर भी किया हैं.

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जानें किन क्षेत्र में रिसर्च करने वालों को मिलेगी फेलोशिप

वहीं, आईआईटी बीएचयू की यह फेलोशिप केमिकल इंजीनियरिंग में रिन्यूएबल एनर्जी और सस्टनेबिलिटी साइंस, मैकेनिकल इंजीनियरिंग में इंफ्रॉस्ट्रक्चर, डिजाइन, थर्मल और फ्लूइड इंजीनियरिंग, मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में कंप्यूटेशनल, मटेरियल इंजीनियरिंग, सस्टेनेबल मैटेरियल्स, कोरोजन फैटीग, गर्म कोरोजन फैटीग और फ्रैक्चर, फेरस प्रोसेस मेटलर्जी आदि क्षेत्रों में रिसर्च करने वालों को दिया जाएगा.

एक्सलेन्स फेलोशिप से जुड़ी खास बातें

रिसर्च एक्सलेन्स फेलोशिप चयन समिति द्वारा चयनित संस्थान के सेवारत नियमित इंजीनियरिंग संकाय सदस्यों के लिए है. प्रस्तावित फेलोशिप दो साल की अवधि के लिए दी जाएगी. हालांकि, प्रस्तावित फेलोशिप प्राप्त करने वाले व्यक्ति पर पुनर्विचार किया जा सकता है. लेकिन किसी भी मामले में, यह फेलोशिप एक संकाय सदस्य के लिए चार साल से अधिक समय के लिए या तो निरंतरता में या आंशिक रूप से उपलब्ध होगी. चुने गए संकाय सदस्य नए से लेकर वरिष्ठतम सदस्य तक हो सकते हैं.

वहीं, आईआईटी बीएचयू के निदेशक आचार्य प्रमोद कुमार जैन, बोर्ड ऑफ गवर्नर्स व अधिष्ठाता (संसाधन एवं पूर्व छात्र) आचार्य राजीव श्रीवास्तव ने अनुसंधान उत्कृष्टता फेलोशिप कार्यक्रम की स्थापना के लिए 1994 बैच के पूर्व छात्रों के प्रति आभार जताया है. उन्होंने कहा कि 1994 बैच के पूर्व छात्रों द्वारा दिया गया यह योगदान एक लंबे समय तक रहेगा और संस्थान में शैक्षणिक और अनुसंधान इको-सिस्टम को मजबूत बनाने में एक प्रबल प्रभाव डालेगा"

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