वाराणसी:काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के IIT के 12वें दीक्षांत समारोह में रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग (Defence Research and Development Organisation) के अध्यक्ष समीर वी कामथ चीफ गेस्ट बनकर आ रहे हैं. DRDO और IIT-BHU के वैज्ञानिक हाई पॉवर माइक्रोवेव एनर्जी, एक तरह का वेव वेपन पर काम कर रहे हैं. IIT-BHU ने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में DRDO का रीजनल एक्सीलेंस सेंटर इंडस्ट्री एकेडमिया- सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (DIA-CoE) बनाया गया है. DRDO चीफ के आने से रक्षा उपकरणों को लेकर अहम बातचीत हो सकती है.
IIT-BHU के दीक्षांत समारोह में DRDO अध्यक्ष समीर वी कामथ मुख्य अतिथि होंगे
IIT-BHU का 12वां दीक्षांत समारोह 6 अक्टूबर को आयोजित होने जा रहा है. इस बार दीक्षांत समारोह (IIT-BHU 12th convocation on 6 October) के बाद IIT-BHU और DRDO के बीच रिसर्च साझेदारी में मजबूती आएगी. क्योंकि इस बार रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग (DRDO) के अध्यक्ष समीर वी कामथ चीफ गेस्ट बनकर आ रहे हैं. ऐसे में IIT-BHU और रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग (DRDO) के बीच डिफेंस सेक्टर में भारत को आत्मनिर्भर बनाने पर बड़ी बातचीत हो सकती है. IIT-BHU के डायरेक्टर प्रोफेसर प्रमोद कुमार जैन ने इस बारे में जानकारी दी है.
IIT-BHU में कई प्रोजेक्ट्स पर चल रहा काम:IIT-BHU के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में DRDO का रीजनल एक्सीलेंस सेंटर इंडस्ट्री एकेडमिया-सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (DIA-CoE) बनाया गया है. यह सेंटर डिफेंस सेक्टर और फ्यूचर टेक्नोलॉजी के तेज विकास पर रिसर्च करेगा. बताया गया कि पहले फेज में पाउडर मेटलर्जी, इलेक्ट्रॉनिक, फंक्शनल सब्सटेंस, हाई पॉवर माइक्रोवेव सोर्स और डिवाइस सेक्टर में काम होगा. इस सेंटर के रिसर्च आउटपुट सभी विभागों के लिए उपलब्ध होंगे. IIT-BHU के कई विभागों में DRDO के प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है.
हाई पॉवर माइक्रोवेव एनर्जी पर हो रहा काम:प्रोफेसर प्रमोद कुमार जैन ने बताया कि IIT-BHU में बने इस सेंटर की मदद से भारत के डिफेंस इंपोर्ट को घटाने और डिफेंस सेक्टर में आत्म निर्भर बनाने में हम सक्षम होंगे. उन्होंने बताया कि DRDO और IIT-BHU के वैज्ञानिक हाई पॉवर माइक्रोवेव एनर्जी पर वर्क कर रहे हैं. यह एक तरीके का वेव हथियार होगा. साइंटिस्ट्स का कहना है कि यह किसी देश के इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेंट को डिसेबल कर सकता है. इससे रिडेएटेड इलेक्ट्रो मैग्नेटिक एनर्जी निकलता है. इस डिवाइस को लैब के प्लग या मिलिट्री वाहन के इंजन पर फिट किया जा सकता है.
विदेशी आयात पर लगाम लगाने की तैयारी:IIT-BHU के दीक्षांत समारोह में DRDO चीफ के आने को लेकर यह बात मानी जा रही है कि रक्षा हथियारों और उपकरणों को लेकर एक अहम बातचीत हो सकती है. DRDO के अध्यक्ष समीर वी कामथ के साथ बीएचयू में बने सेंटर में इसको लेकर कई अहम फैसले भी हो सकते हैं. भारत रक्षा क्षेत्र में उपकरणों और हथियारों को लेकर अपने आत्मनिर्भरता के मिशन पर एक कदम और आगे बढ़ेगा. इसके साथ ही इनके विदेश से होने वाले आयात पर लगाम लगाने की पूरी कोशिशें की जाएंगी. वहीं IIT-BHU और DRDO के बीच रिसर्च को लेकर अहम साझेदारी देखने को मिलेगी.
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