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Corona Effect: लॉकडाउन में नगर निगम को लगा झटका, राजस्व में आई कमी - वाराणसी समाचार

कोरोना महामारी और लॉकडाउन ने कई विभागों की कमर तोड़ दी है. उत्तर प्रदेश का वाराणसी नगर निगम भी इससे अछूता नहीं रहा है. लॉकडाउन की वजह से नगर निगम के राजस्व में कमी आई है.

varanasi nagar nigam
नगर निगम वाराणसी

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Published : Aug 11, 2020, 9:05 AM IST

वाराणसी: कोरोना महामारी ने पूरे देश पर अपना कहर बरपाया है. कोरोना महामारी की वजह से हुए लॉकडाउन में कई व्यवसायों को झटका लगा. उत्तर प्रदेश के वाराणसी में नगर निगम विभाग को भी झटका लगा है. इस कोरोना काल में नगर निगम के हर साल होने वाली हाउस टैक्स की वसूली में गिरावट आई है तथा अन्य टैक्स भी कम ही प्राप्त हुए हैं. जल्द टैक्स न भरने की वजह से भी नगर निगम के राजस्व में कमी आई है. कुल मिलाकर इस महामारी के दौर में हुए लॉकडाउन में सरकारी महकमे को भी मुश्किल में डाल दिया है.

लॉकडाउन में नगर निगम को लगा झटका.

कोरोना महामारी ने तोड़ी कमर
लॉकडाउन की घोषणा मार्च महीने में हुई और मार्च में इस लॉकडाउन के शुरू होने के बाद जैसे-जैसे यह आगे बढ़ता गया, हर विभाग के सामने विकट परिस्थितियां पैदा होती गईं. आम आदमी से लेकर खास तक हर कोई परेशान हो गया. कोरोना महामारी ने लोगों की आर्थिक स्थिति पर भी प्रहार किया है. घर के खर्चे के साथ ही सरकारी कर चुका पाना भी लोगों के लिए मुश्किल होता जा रहा है. यही वजह है कि अब इसका खामियाजा सरकारी विभागों को भी भुगतना पड़ रहा है. वाराणसी नगर निगम में भी हर साल होने वाली गृह कर की वसूली में गिरावट आई है. जल्द टैक्स न भरने की वजह से भी नगर निगम के राजस्व में कमी हुई है.

नगर निगम वाराणसी.

टैक्सों में आई गिरावट
नगर निगम गृह कर, सीवर टैक्स और वाटर टैक्स समेत अन्य कई अलग तरह के सोर्स से अपने खर्च की पूर्ति करता है. विकास कार्यों से लेकर कर्मचारियों की तनख्वाह देने तक के लिए यह वसूली बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है. नगर निगम प्रशासन गृह कर वसूली को लेकर हर साल निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष 90 फीसद से अधिक की वसूली करता है. जलकल विभाग वर्तमान दौर में 242 करोड़ रुपए से ज्यादा के घाटे में चल रहा है और जो रकम वसूली जाती है, उससे कर्मचारियों के वेतन की पूर्ति ही कर पाती है.

आंकड़ों पर गौर करें तो वर्तमान में करीब 200 कर्मचारी जलकल में तैनात हैं, जिनको प्रतिवर्ष 35 करोड़ वेतन के तौर पर दिए जाते हैं. नगर निगम के गृह कार्य का आकलन करें तो करीब दो लाख 10 हजार मकानों से वसूली की जाती है और इस वित्तीय वर्ष में लगभग 46 करोड़ रुपये गृह कर वसूली की गई है. जबकि नगर निगम प्रशासन ने गृह कर वसूली का लक्ष्य 46 करोड़ रखा था. कोरोना महामारी के कारण इस वर्ष लगभग 10 करोड़ से कम की वसूली निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष हुई है.

करोड़ों का नुकसान
वहीं इस पूरे मामले में कर वसूली व अन्य कार्य की निगरानी करने वाले अपर नगर आयुक्त अनूप कुमार वाजपेई का कहना है कि लॉकडाउन का असर विभाग पर भी पड़ा है. हर साल जहां अप्रैल से जून के महीने में नगर निगम अच्छी कमाई करता था. वहीं इस बार अप्रैल से जून की स्थिति खराब है. बीते 2019 में अप्रैल से लेकर जून तक के महीने में गृह कर की वसूली 13 करोड़ 22 लाख हुई थी, लेकिन इस बार अप्रैल से जून तक कि यह वसूली 11 करोड़ 41 लाख में सिमट कर रह गई है. यानी लगभग एक करोड़ 86 लाख रुपये का नुकसान हुआ है. हालांकि जुलाई के महीने में इसमें बढ़ोतरी जरूर हुई है. 2019 में जहां जुलाई के महीने में तीन करोड़ रुपये की गृह कर वसूली हुई थी, वहीं इस बार जुलाई के महीने में लगभग साढ़े तीन करोड़ रुपये की गृह कर वसूली हुई है.

पूर्व पार्षद अजय गुप्ता ने बताया कि कोरोना काल ने हर विभाग की कमर तोड़ दी है. इस समय विभाग का यह दायित्व है कि विकास का कार्य न रूके और कर्मचारियों को वेतन मिले.

'विकास के कार्यों पर दिया जा रहा विशेष ध्यान'
वाराणसी की मेयर मृदुला जायसवाल का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से स्थिति खराब हुई है, लेकिन सरकारी मदद और नगर निगम के अन्य फंड की बदौलत विकास कार्य ना रुके, इसका विशेष ध्यान दिया जा रहा है. सरकार भी पूरा सहयोग कर रही है. लेकिन इसके लिए अति आवश्यक है कि लोग अपनी जिम्मेदारी को समझें और सभी कर का समय से भुगतान करें, ताकि नगर निगम शहर के विकास को तेजी से आगे बढ़ा सके और कर्मचारियों की तनख्वाह भी दी जा सके.

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