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बीएचयू में अगले सत्र से पढ़ाया जाएगा 'हिंदू स्टडीज' - बीएचयू में जुटे देशभर के विद्वान

बीएचयू में अगले सत्र से भारत अध्ययन केंद्र में एमए 'हिंदू स्टडीज' का महत्वपूर्ण पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा. बीएचयू के सत्र 2021-22 के सभी विद्यार्थियों के लिए इस कोर्स के उपलब्ध होने की प्रबल संभावना है.

बीएचयू में पढ़ाया जाएगा 'हिंदू स्टडीज'.
बीएचयू में पढ़ाया जाएगा 'हिंदू स्टडीज'.

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Published : Jan 12, 2021, 12:03 PM IST

वाराणसी : सर्व विद्या की राजधानी कहे जाने वाले काशी हिंदू विश्वविद्यालय में भारत अध्ययन केंद्र द्वारा प्रस्तावित एमए "हिंदू स्टडीज" विषयक महत्वपूर्ण पाठ्यक्रम पढ़ा जाएगा. कला संकाय प्रमुख की अध्यक्षता में काशी एवं देश-विदेश के प्रमुख आचार्यों के बोर्ड ऑफ स्टडीज के सर्वसम्मति से इसे पास किया गया. देश में यह पहला अवसर है जब कोर्स के तहत देश के तत्व विज्ञान से लेकर सैन्य विज्ञान तक जैसे प्राचीन हिंदू शास्त्रों को एकेडमिक स्वरूप दिया गया. यह कोर्स बीएचयू के सत्र 2021-22 के सभी विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध होने की प्रबल संभावना है.

ये होंगे मुख्य विषय-

हिंदू धर्म के विशिष्ट एवं परंपरा पर आधारित इस पाठ्यक्रम में मुख्य रूप से तत्व एवं प्रमाण विमर्श, वादर परंपरा एवं शास्त्रों के अर्थ निर्धारण की पद्धति पाश्चात्य ज्ञानमीमांसा, रामायण महाभारत, स्थापत्य, लोकवार्ता, हिंदू कला, नाट्य एवं भाषा विज्ञान, सैन्य विज्ञान आदि विषय रखे गए हैं.

बीएचयू में पढ़ाया जाएगा 'हिंदू स्टडीज'.
छात्रों को होगा फायदा

काशी हिंदू विश्वविद्यालय में देश व विदेश के छात्र अध्ययन करने के लिए आते हैं. ज्यादातर छात्र यहां संस्कृत और संस्कृति के साथ वाद्य यंत्रों को सीखते हैं. ऐसे में हिंदू अभियान प्रारंभ होने से देश-विदेश में बैठे उन छात्रों के लिए बहुत ही फायदेमंद होगा, जो हिंदू के बारे में अध्ययन करना चाहते हैं.

देशभर के जुटे विद्वान

बैठक में देशभर के विद्वान "बोर्ड ऑफ स्टडीज" ने सर्वसम्मति से विषयों को चयनित किया. जवाहरलाल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रामनाथ झा, आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर नचिकेता तिवारी, उड़ीसा के प्रोफेसर ब्रजकिशोर स्वाई, प्रोफेसर कमलेश दत्त त्रिपाठी, प्रोफेसर विंदेश्वरी प्रसाद मिश्र, लोकेश्वर मालिनी अवस्थी, प्रोफेसर प्रद्युम्न शाह, प्रोफेसर विजय शंकर शुक्ल, बीएचयू के प्रोफेसर राकेश उपाध्याय, प्रोफेसर केशव मिश्र, विभागाध्यक्ष इतिहास विभाग के एवं सामाजिक विज्ञान संकाय के डॉक्टर अर्पिता चटर्जी उपस्थित रहे. गंभीर चर्चा के बाद पाठ्यक्रम की रूपरेखा को प्रस्तुत किया. कला संकाय प्रमुख प्रोफेसर विजय बहादुर सिंह ने इस पाठ्यक्रम के निर्माण से जुड़े देश भर के प्रमुख आचार्य सहित भारत अध्ययन केंद्र के सभी सदस्यों को धन्यवाद दिया.

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