चन्दौली : बिहार में शराब बंदी के बाद जिले में पड़ने वाला हाईवे तस्करों के लिए मुफीद जगह बन चुका है. वहीं अब इस मार्ग से कारतूस तस्करी (smuggling cartridges) किए जाने का मामला सामने आया है. बृहस्पतिवार को जिले से सटे बिहार प्रांत के कैमूर जिला अंतर्गत डिडखिली टोल प्लाजा पर पुलिस ने एक कार से 2200 कारतूस बरामद किये थे, जोकि बनारस से आरा ले जाए जा रहे थे. इस खुलासे के बाद से अब चंदौली जिले का हाईवे का इस्तेमाल कारतूस तस्करी के लिए होने की चर्चा ने जोर पकड़ लिया है.
दरसअल, जिले में होकर बिहार जाने के लिए दो प्रमुख रास्ते हैं. पहला मार्ग वाराणसी-पड़ाव-पीडीडीयू नगर से होते हुए हाईवे पर मिल जाता है. इस मार्ग की अधिकतर सीमा मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र में पड़ती है. वहीं दूसरी तरफ सबसे महत्वपूर्ण मार्ग राष्ट्रीयराज मार्ग दो है, जोकि वाराणसी से सीधे सैयदराजा नौबतपुर होते हुए बिहार की सीमा में प्रवेश करता है. जिले में पड़ने वाले लगभग चालीस किलोमीटर लंबे इस मार्ग पर अलीनगर, सदर व सैयदराजा थाने की सीमा पड़ती है, लेकिन हाईवे होने के कारण इस मार्ग पर चेकिंग भी काफी कम होती है.
बृहस्पतिवार को बिहार के कैमूर जिले के डिडखिली टोल प्लाजा पर कार से कारतूस मिलने के मामले में पकड़े गये आरोपियों ने बताया कि वह इसे बनारस से लेकर आरा सप्लाई के लिए जा रहे थे. काफी बड़ी मात्रा में जिले की चार थानों की सीमा को पार करते हुए कारतूस का बिहार पहुंच जाना पुलिस के सूचना तंत्र पर सवाल खड़े कर रहा है. वहीं दूसरी तरफ चर्चा इस बात की है कि शराब तस्करी के मुफीद माने जाने वाले जिले के हाईवे का इस्तेमाल अन्य सामानों की तस्करी के लिए भी होने लगा है.