वाराणसी:कोरोना महामारी आमजन के साथ-साथ हृदय रोगियों के लिए काफी ज्यादा घातक है, क्योंकि कोरोना से फेफड़े और हृदय अत्यधिक प्रभावित होते हैं. खास बात यह है कि इस महामारी के लक्षण में लोगों को खांसी, तेज बुखार सांस लेने की दिक्कतें होती हैं, जिससे ह्रदय रोगियों को सीने में दर्द,सांस फूलने जैसी अत्यधिक समस्याएं हो रही हैं. इसके साथ ही कोरोना संक्रमित हो जाने के बाद या हो जाने के भय से ह्रदय रोगी अत्यधिक पैनिक हो जा रहे हैं जो उनके शरीर के लिए बेहद खतरनाक साबित हो रहा है. हृदय रोगियों को संक्रमण के दौरान या संक्रमण से बचने के लिए किस प्रकार से अपनी देखरेख करने की जरूरत है.उसको लेकर के ईटीवी भारत ने हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अभिषेक विक्रम सिंह से बात की.
हृदय रोगियों में खतरा 10 प्रतिशत होता है अधिक
ईटीवी भारत से बातचीत में डॉ अभिषेक विक्रम सिंह ने बताया कि हार्ट पेशेंट को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए अतिरिक्त ध्यान रखने की जरूरत है, क्योंकि सामान्य लोगों की तुलना में हृदय रोगियों में कोरोना संक्रमण यदि होता है तो उनकी लाइफ के लिए 10 प्रतिशत तक रिस्क बढ़ जाता है. उन्होंने बताया कि सीने में हार्ट के पास दर्द की वजह से लंग्स इंफेक्शन भी होता है और ये जब फेफड़ों में घातक संक्रमण कर देता है तो उसकी वजह से भी हार्ट पर असर पड़ता है. इस कारण ईसीजी देख करके समझ आता है कि पेशेंट को हार्ट अटैक हुआ है. उन्होंने बताया कि यदि हार्ट पेशेंट कुछ बातों का ध्यान रखें तो वह अपनी सुरक्षा कर सकते हैं. इसके लिए उन्हें मुख्य तौर पर दो- तीन बातों को ध्यान रखने की जरूरत है. एक तो यह कि वह अपने रूटीन की दवाइयों को बंद ना करें, दूसरा वह घर में और बाहर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें. साथ ही किसी भी बात की टेंशन ना लें, क्योंकि तनाव हृदय रोगियों के लिए सबसे बड़ा खतरा है.
पैनिक होने से बचे