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ज्ञानवापी परिसर में मिले कथित शिवलिंग की पूजा-पाठ को लेकर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की याचिका पर सुनवाई टली - ज्ञानवापी की कथित शिवलिंग की पूजा पाठ

वाराणसी सिविल जज ने शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की ज्ञानवापी की कथित शिवलिंग की पूजा-पाठ करने की याचिका पर सुनवाई टाल दी है. इस मामले में अब 23 नवंबर को सुनवाई होगी.

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ज्ञानवापी की कथित शिवलिंग की पूजा-पाठ

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Published : Nov 18, 2022, 9:55 PM IST

वाराणसी:सिविल जज सीनियर डिविजन कुमुद लता त्रिपाठी की अदालत में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की तरफ से दाखिल मुकदमे की सुनवाई शुक्रवार को एक बार फिर टल गई. कोर्ट के पीठासीन अधिकारी के अवकाश पर रहने के कारण अब इस मामले में 23 नवंबर को सुनवाई होगी.

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के अधिवक्ता रमेश उपाध्याय ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश दिया है कि ज्ञानवापी से जुड़े सभी मामलो की सुनवाई एक ही कोर्ट में हो. ऐसे में जिला जज की अदालत में जल्द आवेदन पत्र देकर सभी मुकदमों की सुनवाई एक साथ किए जाने का अनुरोध किया जाएगा. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की तरफ से दाखिल इस मुकदमे में ज्ञानवापी परिसर में मिले कथित शिवलिंग की आकृति की पूजा-पाठ, राग-भोग और आरती करने की अनुमति मांगी गई है.

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद और रामसजीवन ने वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण कुमार त्रिपाठी, रमेश उपाध्याय और चंद्रशेखर सेठ के माध्यम से अदालत में वाद दाखिल किया है. इस वाद में कहा गया है कि मां श्रृंगार गौरी प्रकरण में सिविल जज सीनियर डिविजन के आदेश पर हुई एडवोकेट कमिश्नर की कमीशन की कार्रवाई के दौरान मिले शिवलिंग की विधिवत पूजा, राग-भोग और आरती जिला प्रशासन की ओर से कराई जानी चाहिए थी. मगर प्रशासन ने ऐसा नहीं किया है. ना किसी अन्य सनातनी व्यक्ति को इसके लिए नियुक्त किया है. कानूनन देवता की परस्थिति एक जीवित बच्चे के समान होती है. जिसे अन्न-जल आदि नहीं देना संविधान के अनुच्छेद-21 के तहत दैहिक स्वतंत्रता के मूल अधिकार का उल्लंघन है.

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